लखनऊ, 31 जुलाई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि जातिवार जनगणना को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के बीच मंगलवार को संसद में हुई तकरार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज को छलने की कोशिश है। साथ ही उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना जैसे राष्ट्रीय मुद्दे पर केन्द्र सरकार को गम्भीरता दिखाने की जरूरत है।
मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक हैंडल पर कहा, ”कल संसद में खासकर जाति व जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस और भाजपा में हुई तकरार (दरअसल) नाटकबाज़ी तथा ओबीसी समाज को छलने की कोशिश है, क्योंकि उनके आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों का इतिहास खुलेआम व पर्दे के पीछे भी घोर ओबीसी-विरोधी रहा है। इन पर विश्वास करना ठीक नहीं है। ”
उन्होंने कहा, ”बसपा के प्रयासों से यहाँ लागू हुए ओबीसी आरक्षण की तरह ही, राष्ट्रीय जातीय जनगणना जनहित का एक ख़ास राष्ट्रीय मुद्दा है और इसके प्रति केन्द्र को गंभीर होना जरूरी है। देश के विकास में करोड़ों गरीबों-पिछड़ों व बहुजनों का भी हक है जिसकी पूर्ति में जातीय जनगणना की अहम भूमिका है।”