लखनऊ, 7 जनवरी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने बसपा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे।
मायावती ने कहा कि बसपा पर अनर्गल तंज कसने से पहले सपा प्रमुख को अपने गिरेबां में झांककर जरूर देखना चाहिए कि भाजपा को आगे बढ़ाने व मेलजोल में उनका दामन कितना दागदार है। अखिलेश ने शनिवार को बलिया दौरे के दौरान मायावती के I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल होने पर गठबंधन के मजबूत होने को लेकर पूछे गए सवाल पर ‘मायावती पर भरोसे के संकट’ की बात कही थी।
अखिलेश के बयान को लेकर मायावती ने ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ”अपनी व अपनी सरकार की खासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज कसने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांक कर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दागदार है।”
2. साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है। और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा।
— Mayawati (@Mayawati) January 7, 2024
मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ”साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भुला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लड़े तो यह उचित होगा।”