लखनऊ/वाराणसी, 9 जुलाई। ईद-उल-अजहा (बकरीद) को लेकर तैयारियां तेज हैं। मस्जिदों और ईदगाहों में साफ-सफाई पूरी हो गई है। सरकार की गाइड लाइन के बाद मौलानाओं ने लोगों से घर के अंदर ही कुर्बानी करने और सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ने की अपील की है।
जमीयतुल अंसार, जमीयतुल उलेमा सहित अन्य संगठनों ने नमाज के लिए मस्जिदों की छत पर टेंट लगाने की बात कही है। कुर्बानी की नुमाइश भी नहीं करने की अपील की गई है। लोगों से सोशल मीडिया पर कुर्बानी की फोटो शेयर नहीं करने को भी कहा गया है।
वाराणसी में कुर्बानी के कारण मस्जिदों में बकरीद की नमाज सुबह 6.00 बजे से अदा की जाएगी। अंतिम नमाज वाारणसी के लंगड़ा हाफिज मस्जिद में 10.30 बजे पढ़ी जाएगी।
कोरोना के कारण पिछले दो साल से लोग घरों में ही नमाज पढ़ रहे थे। इस बार मुस्लिम समाज के लोग बकरीद मनाएंगे। ईदगाह और मस्जिदों में दो साल बाद बकरीद की सामूहिक नमाज पढ़ेंगे।
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सड़क पर नमाज नहीं होगी
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सड़क पर नमाज नहीं होगी। इसको लेकर सबसे बड़ी चुनौती है मस्जिदों में जगह की कमी है, इसलिए मस्जिदों की छतों की साफ-सफाई की गई है। मुफ्ती ए बनारस अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि कुर्बानी की नुमाइश नहीं होनी चाहिए। कुर्बानी की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर न करें। लोग शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाएं।
कुर्बानी का मीट बांटने वालों को न रोके पुलिस
इस बीच सामाजिक संस्था जमीयतुल अंसार का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को एडीएम सिटी गुलाब चंद्र से मिलकर ज्ञापन सौंपा। सदस्यों ने मांग की है कि कुर्बानी के दौरान अगर लोग मीट बांटने जा रहे हैं तो पुलिस अनावश्यक न रोके। प्रतिनिधिमंडल में जमीयतुल अंसार के जनरल सेक्रेटरी इशरत उस्मानी, डॉ. मोहम्मद नासिर अंसारी, रौशन अली सहित अन्य शामिल थे।
डेढ़ लाख में बिका बीटल बकरा
भेलूपुर के गौरीगंज में लगे मेले में अमृतसर का बीटल बकरा आकर्षण का केंद्र रहा। छत्तीसगढ़ से बकरा लेकर आए गुलाम मुहम्मद ने बताया कि ये बकरे सवा दो से ढाई कुंतल तक के होते हैं। वह करीब 120 किलो वजन का बकरा लेकर आए थे। एक बकरा डेढ़ लाख रुपये जबकि दूसरा छोटा बकरा 30 हजार में बिका।