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अटल जी की 100वीं जन्म जयंती : राष्ट्रपति मुर्मू व पीएम मोदी सहित अनेक नेताओँ ने ‘सदैव अटल’ जाकर दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली, 25 दिसम्बर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जन्म जयंती है। इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित उनके समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पर एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अनेक नेताओं ने ‘सदैव अटल’ पहुंचकर श्रद्धेय अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और एनडीए गठबंधन के नेताओं सहित अन्य गणमान्य हस्तियों ने ‘सदैव अटल’ पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अटल बिहारी ने देश को दी नई दिशा – पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए एक लेख भी लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा – ’25 दिसम्बर का ये दिन भारतीय राजनीति और भारतीय जनमानस के लिए एक तरह से सुशासन का अटल दिवस है। पीएम मोदी ने राजनीतिक अस्थिरता के दौर में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए उनकी एनडीए सरकार ने जो कदम उठाए, उसने देश को एक नई दिशा व नई गति दी।

1998 के जिस काल में उन्होंने पीएम पद संभाला, उस दौर में पूरा देश राजनीतिक अस्थिरता से घिरा हुआ था। नौ वर्ष में देश ने चार बार लोकसभा के चुनाव देखे थे। लोगों को शंका थी कि ये सरकार भी उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाएगी। ऐसे समय में एक सामान्य परिवार से आने वाले अटल जी ने, देश को स्थिरता और सुशासन का मॉडल दिया। भारत को नव विकास की गारंटी दी।

अटल जी तीन बार रहे देश के प्रधानमंत्री

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर,1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। 16 अगस्त, 2018 को 93 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था। अटल जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। सबसे पहले 1996 में 13 दिनों के लिए वह प्रधानमंत्री बने थे। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। तब इस्तीफे के पहले दिया गया उनका भाषण आज भी खूब चर्चा में रहता है।

वर्ष 1998 में वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार सहयोगी दलों के समर्थन वापस लेने के बाद 13 महीनों में ही ये सरकार गिर गई थी। हालांकि 1999 में अटल तीसरी बार पीएम बने और इस बार उनकी सरकार पूरे पांच वर्षों तक चली थी।

अटल बिहारी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है

उल्लेखनीय है कि अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में पूर्व पीएम वाजपेयी को सम्मानित करने के लिए इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

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