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अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि पर बोलीं मनु भाकर – ‘कभी न भूलने वाला एहसास’

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पेरिस, 28 जुलाई। टोक्यो 2020 की निराशा से उबरते हुए पेरिस 2024 ओलम्पिक में ऐतिहासिक पोडियम हासिल करने के बाद भारतीय शूटर मनु भाकर की खुशी देखते ही बनती थी। हरियाणा की 22 वर्षीया शूटर ने रविवार को यहां महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद कहा, ‘ यह मेरे लिए कभी न भूलने वाला एहसास है। मैंने अपना पूरा प्रयास अंतिम क्षण तक उस क्षण में बने रहने में लगाया, बस हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करती रही।’ उल्लेखनीय है कि ओलम्पिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी भारतीय महिला शूटर ने पदक जीता।

यह मेरी ओलम्पिक सफलता की शुरुआत है

फाइनल के दौरान उनकी भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर भाकर ने कहा, ‘पूरा फाइनल तनावपूर्ण था और मुझे पता था कि मुझे खुद को संभालना होगा और ऐसा कुछ नहीं करना होगा, जो मैं सामान्य रूप से नहीं करती। बस अपनी रफ्तार के साथ चलते रहो, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो और सब कुछ वहीं छोड़ दो।’ मनु ने यह उम्मीद भी जाहिर की कि यह उनकी ओलम्पिक सफलता की शुरुआत है।

पीएम मोदी ने फोन पर बात कर मनु का हौसला बढ़ाया

इस बीच प्रधानमंत्री ने पेरिस ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने के साथ शूटिंग में भारत की पहली महिला पदक विजेता बन हर भारतीय को गौरव का क्षण प्रदान करने वाली मनु भाकर से टेलीफोन पर बात कर उन्हें बधाई दी और एवं अन्य प्रतिस्पर्धाओं के लिए उनका हौंसला बढ़ाया। इसके पूर्व पीएम मोदी ने x पर एक पोस्ट के जरिए भी भाकर को बधाई देते हुए उनकी सफलता को अविश्वसनीय उपलब्धि करार दिया था।

मनु के पिता बोले पदक से की शुरुआत, अभी और आयोजन बाकी

इधर देश में मनु के पिता राम किशन भाकर ने कहा, ‘मेरे से ज्यादा मेरी सोसायटी के लोग खुश हैं। पूरा देश खुश है। अभी बेटी ने पदक से शुरुआत की है। उसके और इवेंट बाकी हैं।’

राम किशन ने झज्जर (हरियाणा) में कहा कि मनु को हर कॉर्नर से मदद मिली है। टॉप्स, खेल मंत्रालय और फेडरेशन ने हमेशा मदद की है। देशवासियों की दुआएं और आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा, ‘मनु ने दसवीं क्लास में 16 साल की उम्र में शूटिंग शुरू की थी। मनु ने छोड़ने का सोचा था तो हमने उसे नॉर्मल लिया था क्योंकि पहले भी वह काफी गेम बदल चुकी थी। अभी ये शुरुआत है। अभी वह और अच्छा करेगी।’

रमिता जिंदल व अर्जुन बाबुता भी फाइनल में

मनु के अलावा आज रमिता जिंदल महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल क्वालिफिकेशन राउंड में पांचवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई तो अर्जुन बाबुता पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल क्वालिफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहने के साथ फाइनल में पहुंचे। हालांकि इलावेनिल वलारिवान महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल क्वालिफिकेशन राउंड में 10वें स्थान पर रहीं और संदीप सिंह पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल क्वालिफिकेशन राउंड में 12वें स्थान पर रहे। दोनों को निराशा हाथ लगी।