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पेरिस ओलम्पिक : मनु भाकर ने रचा इतिहास, पदक विजेता पहली भारतीय महिला शूटर बनीं, कांस्य से खोला भारत का खाता

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पेरिस, 28 जुलाई। हरियाणा की प्रतिभाशाली निशानेबाज मनु भाकर ने पेरिस ओलम्पिक खेलों की पदक स्पर्धाओं के दूसरे दिन रविवार को इतिहास रचा, जब वह ओलम्पिक शूटिंग में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। 22 वर्षीया मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीतने के साथ ही पदक तालिका में भारत का खाता खोल दिया।

ओलम्पिक शूटिंग में 12 वर्ष बाद देश के खाते में आया पदक

कुल मिलाकर मिलाकर देखें तो निशानेबाजी में यह भारत का पांचवां ओलम्पिक पदक है। भारत ने एथेंस 2004 से लंदन 2012 तक लगातार तीन ओलम्पिक की शूटिंग स्पर्धाओं में  पदक जीते थे, लेकिन अगले दो संस्करणों (रियो और टोक्यो) में भारतीय शूटरों की झोली खाली रही थी।

दो कोरियाई शूटरों के पीछे रही हरियाणवी शूटर

फिलहाल मनु भाकर तीन वर्ष पूर्व टोक्यो 2020 में प्रथम प्रवेशी शूटर के तौर पर मिली निराशा यहां धुलने में सफल हो गईं। चेटेउरौक्स नेशनल शूटिंग सेंटर में उन्होंने फाइनल राउंड में आठ शूटरों के बीच 221.7 का स्कोर बनाया और दक्षिण कोरिया की दो दिग्गज शूटरों के पीछे रहकर तीसरा स्थान हासिल किया।

ओह ये जिन ने नए ओलम्पिक रिकॉर्ड के साथ जीता स्वर्ण

रिपब्लिक ऑफ कोरिया की ओह ये जिन ने 243.2 के नए ओलम्पिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि उनकी हमवतन येजी किम ने भाकर को पछाड़कर स्वर्ण पदक राउंड में प्रवेश किया और 241.3 के अंतिम स्कोर के साथ रजत पदक जीता।

मनु भाकर ने फाइनल में जोरदार शुरुआत की और पहली सीरीज में 50.4 का स्कोर बनाकर दूसरे स्थान पर रहीं। दूसरी सीरीज में वह कुछ 9.6 शॉट के साथ ओह ये जिन और येजी किम के बाद तीसरे स्थान पर खिसक गईं। भारतीय निशानेबाज ने तीसरी सीरीज के अंत में और एक बार फिर फाइनल के अंतिम स्टेज में येजी किम को पीछे छोड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल कर लिया। लेकिन दक्षिण कोरियाई निशानेबाज ने भाकर को 0.1 अंक से पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक राउंड में प्रवेश कर लिया।

टोक्यो में पिस्टल की खराबी से फाइनल में नहीं पहुंच सकी थीं भाकर

टोक्यो 2020 में इसी इवेंट में, मनु भाकर फाइनल के लिए अर्हता पाने के करीब थीं, लेकिन पिस्टल की खराबी के कारण उनके छह कीमती मिनट चले गए और वह फाइनल में पहुंचने से सिर्फ दो अंक पीछे रह गईं थीं।

ओलम्पिक शूटिंग में ये सितारे दिला चुके हैं भारत को पदक

उल्लेखनीय है कि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एथेंस 2004 में पुरुषों के डबल ट्रैप में रजत पदक के साथ शूटिंग में भारत का पहला ओलम्पिक पदक जीता था। अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में शूटिंग में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक जीता। मौजूदा भारतीय दल के शेफ-डी-मिशन गगन नारंग (पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल) और विजय कुमार (पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल) ने लंदन 2012 खेलों में क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता था।

मनु भाकर दो अन्य स्पर्धाओं में जोर आजमाएंगी

मनु भाकर अब सोमवार को 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा और शुक्रवार से शुरू होने वाली महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भी प्रतिस्पर्धा करेंगी। वह 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भाग लेने वाली एकमात्र एथलीट हैं।

रमिता जिंदल 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में पहुंचीं

इससे पहले दिन में भारतीय शूटर रमिता जिंदल ने क्वालीफाइंग राउंड में पांचवें स्थान पर रहने के बाद महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। पिछले वर्ष हांगझू एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली 20 वर्षीया रमिता ने क्वालीफाइंग राउंड में 631.5 का स्कोर करके पांचवां स्थान हासिल किया।

एलावेनियल वलारिवान अच्छी शुरुआत के बाद क्वालिफिकेशन से चूक गईं

भारत की दूसरी शूटर एलावेनियल वलारिवान ने भी अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन छठी सीरीज में 103.8 के कारण वह 0.6 अंकों के अंतर से क्वालिफिकेशन से चूक गईं। वह 630.7 के स्कोर के साथ 10वें स्थान पर रहीं। कुल 43 में से शीर्ष आठ निशानेबाजों ने सोमवार को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। रिपब्लिक ऑफ कोरिया की ह्योजिन बान ने खेलों के रिकॉर्ड 634.5 के साथ क्वालिफिकेशन राउंड में शीर्ष स्थान हासिल किया।