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पेरिस ओलम्पिक : मनु भाकर ने फिर रचा इतिहास, आजादी के बाद एक ही ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं

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पेरिस, 30 जुलाई। हरियाणवी शूटर मनु भाकर ने उम्मीदों के अनुरूप पेरिस ओलम्पिक खेलों के दौरान तीन दिनों के भीतर दूसरी बार इतिहास रचा, जब उन्होंने मंगलवार को सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम फाइनल में दक्षिण कोरिया को हराकर कांस्य पदक पर अधिकार कर लिया।

मनु व सरबजोत ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग का कांसा जीता

चेटेउरौक्स नेशनल शूटिंग सेंटर में सरबजोत व मनु की भारतीय जोड़ी ने कांस्य पदक की लड़ाई में कोरिया के ली वोन्हो व ओ ये जिन को 16-10 से हराकर देश को इस ओलम्पिक में दूसरा पदक दिलाया। इसके साथ ही मनु देश की स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं। दिलचस्प यह है कि टोक्यो ओलम्पिक में मनु पिस्टल में खराबी आने के कारण फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं, लेकिन यहां उन्होंने सारी कसर पूरी कर दी।

भाकर ने दो दिन पूर्व महिला 10 मीटर एयर पिस्टल में जीता था कांस्य

गौरतलब है कि दो दिन पहले (28 जुलाई) मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीतने के साथ ही पदक तालिका में न सिर्फ भारत का खाता खोला था वरन ओलम्पिक शूटिंग में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज भी बन गईं थीं। अब आज उन्होंने सरबजोत के साथ मिलकर मिश्रित टीम स्पर्धा का भी कांस्य पदक जीतने के साथ नए अध्याय का सृजन किया।

नॉर्मन प्रिचार्ड ने आजादी के पहले एक ओलम्पिक में जीते थे दो पदक

यदि ओलम्पिक खेलों में भारतीय प्रदर्शन का इतिहास देखें तो ब्रिटिश मूल के भारतीय एथलीट नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 के पेरिस ओलम्पिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे, लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी। वहीं मनु आजादी के बाद यह कारनामा करने वालीं पहली भारतीय बनीं।

पदकों की हैट्रिक जमाने की कोशिश करुंगी : मनु भाकर

गौर करने वाली बात यह है कि झज्जर की रहने वालीं मनु अब दो अगस्त को 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी जोर आजमाएंगी। यानी उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है। आज कांस्य जीतने के बाद मनु अपने पार्टनर सरबजोत सिंह के साथ काफी खुश दिखीं। यह पूछे जाने पर कि वह अब मेडल की हैट्रिक भी जड़ सकती हैं, उन्होंने कहा, ‘मैं मेडल जीतने के लिए पूरी जान लगा दूंगी और हैट्रिक जमाने की पूरी कोशिश करूंगी।’

 ‘हमने अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा

मनु और सरबजोत ने क्वालिफिकेशन दौर में 580 स्कोर अर्जित कर कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई थी। मनु ने जीत के बाद कहा, ‘मैं बहुत ही गर्व महसूस कर रही हूं। सभी को शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।’ उन्होंने कहा, ‘हम विरोधी टीम के प्रदर्शन पर नियंत्रण नहीं कर सकते, लेकिन अपना प्रदर्शन तो अपने साथ में है। मैंने और मेरे जोड़ीदार ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा।’

सरबजोत बोले – मुकाबले के दौरान काफी दबाव था

वहीं अंबाला के निशानेबाज सरबजोत पर व्यक्तिगत वर्ग में नाकाम रहने के बाद अच्छे प्रदर्शन का काफी दबाव था। उन्होंने कहा, ‘मुझे अच्छा लग रहा है। मुकाबला काफी कठिन था और काफी दबाव था।’

खराब शुरुआत के बाद भारतीय जोड़ी ने की वापसी

मुकाबले की बात करें तो भारतीय जोड़ी की शुरुआत खराब रही, जब सरबजोत का पहला शॉट 8.6 रहा। लेकिन मनु ने 10.2 बनाया। कोरियाई जोड़ी ने कुल 20.5 स्कोर करके 2.0 की बढ़त बना ली। मिश्रित टीम वर्ग में पहले 16 अंक तक पहुंचने वाली टीम विजयी रहती है। फिलहाल पहला सेट हारने के बाद मनु ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए सिर्फ तीन बार 10 से कम स्कोर किया। इसके बाद से कोरियाई टीम के लिए वापसी करना मुश्किल हो गया। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक सर्बियाई टीम ने जीता, जिसने तुर्किए को 16-14 से शिकस्त दी।

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