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कंगना की ‘इमरजेंसी’ के समर्थन में उतरे मनोज मुंतशिर, बोले- दिक्कत है तो उन्हें अदालत ले जाएं, फैसला कानून करेगा

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नई दिल्ली, 3 सितम्बर। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत की स्टारर फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज टल गई है। फिल्म को लेकर विवाद होने के बाद सेंसर बोर्ड ने अभी तक इसे लेकर कोई क्लैरिफिकेशन नहीं दिया है। इस बीच, कंगना ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से कवि और लेखक मनोज मुंतशिर का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में मनोज मुंतशिर ने फिल्म को सर्टिफिकेशन नहीं मिलने पर कई सवाल उठाए हैं।

फिल्म के जिस-जिस हिस्से पर आपत्ति दर्ज कराई गई है, उस पर मनोज मुंतशिर ने सवालिया निशान लगाए हैं। साथ ही अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर बातें कही। उन्होंने आपत्ति दर्ज करने वालों से गुजारिश की है कि उन्हें दिक्कत है तो कंगना को अदालत ले जाएं, फैसला कानून करेगा। वहीं, कंगना रानौत ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में इसे इमरेजंसी वर्सेज फ्रीम ऑफ एक्सप्रेशन लिखा है।

मनोज मुंतशिर ने कहा, “इमरजेंसी 6 सितंबर को रिलीज नहीं होगी, क्योंकि फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट नहीं मिला। अच्छी बात है, लेकिन ये सर्टिफिकेट का खेल आधा-अधूरा क्यों खेला जा रहा है, पूरा खेलना चाहिए। लगे हाथ एक और सर्टिफिकेट हमसे छीन लेना चाहिए कि हम अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने वाले लोग हैं। छोड़िए ये महानता का ढोंग, एक फिल्म तो हमसे बर्दाश्त हो नहीं रही, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की बात करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अच्छा प्रॉब्लम क्या है इमरजेंसी से, प्रॉब्लम ये है कि इंदिरा गांधी की निर्मम हत्या दिखाई गई है। तो क्या इंदिरा गांधी की मौत रोड एक्सीडेंट में हुई थी, हत्या नहीं हुई थी? उनकी प्रॉब्लम ये है कि इंदिरा गांधी के हत्यारों को सिख दिखाया गया है, तो क्या सतवंत सिंह और बेअंत सिंह सिख नहीं थे? प्रॉब्लम ये है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले को आतंकवादी दिखाया गया है। तो क्या हजारों निर्दोषों की निर्मम हत्या करने वाला वो दरिंदा आतंकवादी नहीं था?”

मनोज मुंतशिर ने ‘इमरजेंसी’ के सिख-विरोधी होने के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए सिखों के सैंकड़ों सालों के गौरवशाली इतिहास के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि लोगों को पहले इस फिल्म को देखना चाहिए, फिर अपनी राय बनानी चाहिए और कुछ आपत्तिजनक लगे तो कोर्ट जाना चाहिए। आपको बता दें कि मनोज मुंतशिर ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ के गाने लिखे हैं।

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