Site icon hindi.revoi.in

मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर होगा, स्मारक स्थल के स्थान को लेकर उभरा विवाद  

Social Share

नई दिल्ली, 27 दिसम्बर। पूर्व प्रधानमंत्री व वयोवृद्ध कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह उनका अंतिम संस्कार शनिवार को निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। हालांकि दिवंगत नेता के स्मारक स्थल के निमित्त उचित स्थान को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। दरअसल, कांग्रेस ने डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार और उनके स्मारक के लिए उचित स्थान की मांग की थी और पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खरगे ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा, लेकिन केंद्र सरकार ने कांग्रेस की मांग ठुकरा दी।

केंद्र ने अंतिम संस्कार व स्मारक के लिए उचित स्थान की कांग्रेस की मांग ठुकराई

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार की देर रात एक बयान जारी कर जानकारी दी कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘सरकार ने निर्णय लिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 28 दिसम्बर, 2024 को पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।’

स्मारक बनाने के लिए उचित स्थान ढूंढने में कुछ दिन लगेंगे – केंद्र सरकार

इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान के लिए स्मारक बनाए जाने को लेकर कांग्रेस और कई विपक्षी नेताओं की ओर से मांग तेज हो गई है। फिलहाल स्मारक बनाए जाने को लेकर बढ़ते विवाद के बाद आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने का फैसला किया है। हालांकि सरकार का ये भी कहना है कि स्मारक बनाने के लिए उचित स्थान ढूंढने में कुछ दिन लगेंगे।

मनमोहन सिंह के कद के मुताबिक दिया जाए उचि‍त स्‍थान – खरगे

इससे पहले कांग्रेस ने मुख्यालय में पार्टी की कार्य समिति की बैठक की, जिसमें नेताओं ने डॉक्टर मनमोहन सिंह का स्मारक और मेमोरियल बनाए जाने की मांग की। कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कद को देखते हुए उनका अंतिम संस्‍कार वहीं कराया जाए, जहां एक स्‍मारक का निर्माण कराया जा सके। उन्‍होंने इसके लिए मोदी सरकार से जगह आवंटित करने का आग्रह किया।

खरगे ने पत्र में उल्‍लेख किया कि ऐसा करके राजनेताओं व देश के पूर्व प्रधानमंत्र‍ियों की याद में स्‍मारक बनाने की परंपरा का पालन हो सकेगा। पत्र के आखि‍र में कांग्रेस अध्‍यक्ष ने लिखा कि आशा ही नहीं, विश्‍वास भी है कि सरदार मनमोहन सिंह के कद को देखते हुए सरकार उनके स्‍मारक के लिए उचि‍त स्‍थान आवंटित करेगी।

कांग्रेस का आरोप – भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का किया गया अपमान

हालांकि सरकार की ओर से कांग्रेस की मांग ठुकराए जाने के बाद विपक्ष के हमले तेज हो गए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ पाना, भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जान-बूझकर किया गया अपमान है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए, जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनाया जा सके। हमारे देश के लोग यह समझने में असमर्थ हैं कि भारत सरकार उनके दाह संस्कार और स्मारक के लिए कोई ऐसा स्थान क्यों नहीं खोज सकी, जो उनके वैश्विक कद, उत्कृष्ट उपलब्धियों के रिकॉर्ड और दशकों से राष्ट्र के लिए अनुकरणीय सेवा के अनुरूप हो।’

निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण – मनीष तिवारी

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाना चाहिए, जहां अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार हुआ है। पंजाब के इस महान सपूत को, जिनकी विद्वता, ज्ञान और दूरदर्शिता के लिए दुनिया भर में सम्मान मिला, उन्हें दस वर्षों तक भारत के उनके नेतृत्व के अनुरूप अंतिम विदाई दी जानी चाहिए। उनकी स्मृति का सम्मान करने के लिए कम से कम इतना तो किया ही जाना चाहिए।

अखिलेश यादव बोले – इतिहास भाजपा को कभी माफ नहीं करेगा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। न इस विषय पर किसी राजनीति की आवश्यकता है, न होनी चाहिए। डॉ. मनमोहन सिंह जी की समाधि राजघाट पर ही बननी चाहिए। भाजपा अपनी संकीर्ण सोच का अनुचित उदाहरण प्रस्तुत न करे। इतिहास भाजपा को उसके इस नकारात्मक नजरिये के लिए कभी माफ नहीं करेगा।

केंद्र का निर्णय स्तब्ध करने वाला और अविश्वसनीय – सुखबीर सिंह बादल

उधर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी स्मारक के लिए जगह तय नहीं किए जाने को लेकर केंद्र सरकार की निंदा की है। बादल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “स्तब्ध करने वाला और अविश्वसनीय। यह अत्यंत निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार ऐसे किसी स्थान पर करने के उनके परिवार के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया है, जहां राष्ट्र के प्रति उनके बेमिसाल योगदान को याद करने के लिए उनका उचित और ऐतिहासिक स्मारक बनाया जा सके।”

एक महान नेता के प्रति इतना अनादर क्यों दिखा रही सरकार

सुखबीर बादल ने कहा कि ये बात समझ में नहीं आती कि सरकार एक महान नेता के प्रति इतना अनादर क्यों दिखा रही है, जो प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने वाले सिख समुदाय के एकमात्र सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि भाजपा सरकार इस हद तक पूर्वाग्रह रखेगी कि डॉ. मनमोहन सिंह जैसे वैश्विक कद वाले नेता का इतना अनादर किया जाएगा। उन्होंने अनुरोध किया कि सरकार के इस निंदनीय फैसले को बदलने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करें।

पायलट बोले – ऐसे स्थान पर अंतिम संस्कार हो, जहां स्मारक बनाए जा सके

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. डॉ. मनमोहन सिंह जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित रहा। उनके द्वारा लिए गए निर्णयों और जनकल्याणकारी योजनाओं ने देशवासियों को लाभान्वित करने के साथ ही विश्व पटल पर भी सशक्त भारत की नई तस्वीर प्रस्तुत की। ऐसे महान व्यक्तित्व का अंतिम संस्कार ऐसे स्थल पर होना चाहिए, जहां उनकी स्मृति में स्मारक बनाया जा सके। यह उनकी स्मृतियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

सरदार मनमोहन सिंह से कैसा बदला लिया जा रहा – अलका लांबा

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले की निंदा की। उन्होंने X पोस्ट में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी सरकार का ये फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। डॉक्टर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और स्मारक सम्मान के साथ बिना किसी विवाद के होना चाहिए था। भारत माता के सपूत सरदार मनमोहन सिंह से उनके जाने के बाद किस बात का बदला लिया जा रहा है।

2013 में गणमान्य लोगों के लिए राष्ट्रीय स्मृतिनिर्माण की दी गई थी मंजूरी

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राजधानी दिल्ली में एकता स्थल के पास समाधि परिसर के लिए ‘राष्ट्रीय स्मृति’ के निर्माण को मंजूरी दी थी ताकि दिवंगत राष्ट्रीय नेताओं जैसे राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उप-राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल द्वारा तय किए गए गणमान्य लोगों के अंतिम संस्कार के लिए एक स्थान तय किया जा सके.

Exit mobile version