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मनीष तिवारी ने चीनी अतिक्रमण पर लोकसभा में दी स्थगन नोटिस, कहा – चर्चा कराए सरकार

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नई दिल्ली, 14 दिसम्बर। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन नोटिस दी। नोटिस में कहा गया है कि कई ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न हैं, जिन्हें पूछे जाने की आवश्यकता है। ये झड़पें क्यों हो रही हैं, पहले गलवान और अब यांग्त्से? चीनी क्या चाहते हैं? क्या सरकार चीनी दुर्भावनापूर्ण इरादों से अवगत है? क्या हमने चीनियों के लिए कोई क्षेत्र खो दिया है? यदि हां, तो सरकार इसे वापस पाने के लिए कैसी योजना बना रही है?

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने शून्य काल में यह मुद्दा उठाया और कहां कि मोदी सरकार चीन की सीमा पर जारी हरकतों को लेकर संसद में चर्चा कराने से भाग रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब भी चीन नर ऐसी हरकत की संसद में उसको लेकर चर्चा हुई। यहां तक कि इस मुद्दे पर जब कराई गई तो 165 सदस्यों ने अपनी बात इस मामले में संसद में अपनी बात कही लेकिन इस बार संसद मौन है। मनीष तिवारी ने कहा कि इस बार चीनी घुसपैठ की खबर के बाद से संसद 6 बार बैठी है लेकिन इसको लेकर संसद में चर्चा नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, 2020 से चीन से आयात 27.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर दोगुना 52.4 बिलियन डॉलर हो गया है। पूर्वी लद्दाख से चीनी अरुणाचल प्रदेश पर नजर गड़ाए हुए हैं। रिपोटरें से पता चलता है कि चीन ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और एलएसी पर अतिरिक्त सैन्य निर्माण किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कम से कम तीन अतिरिक्त पीएलए ब्रिगेड कथित तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात हैं। अरुणाचल प्रदेश के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य तैनाती में बड़ी कमी के बारे में भी चिंताएं बताई गई हैं

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