इंफाल, 12 जुलाई। मणिपुर पिछले तीन महीने से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। अब मणिपुर में एक और सामूहिक बलात्कार का दावा किया जा रहा है। चुराचांदपुर जिले में 37 वर्षीय एक महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के खिलाफ शुक्रवार (11 अगस्त) को हजारों महिलाओं ने मणिपुर के पांच घाटी जिलों में धरना दिया। धरने का आयोजन मैतेई के एक समूह मीरा पैबिस सग ने किया था। धरना इंफाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में आयोजित किया गया था।
पीड़िता ने 9 अगस्त को दर्ज की एफआईआर में कहा था कि वह उस भीड़ से भाग रही थी जिसने उसका घर जला दिया था, तभी कुछ लोगों ने उसे रोक लिया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। पीड़िता ने एफआईआर में दर्ज बयान में यह भी बताया कि उसने अपनी और अपने परिवार की इज्जत बचाने और सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिए पहले घटना का खुलासा नहीं किया।
- 3 मई को चुराचांदपुर में हुआ था बलात्कार!
विरोध प्रदर्शन का आह्वान मीरा पैबी के अध्यक्ष लोंगजाम मेमचौबी ने शुक्रवार (11 अगस्त) को किया था। लोंगजम बीना देवी ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा, हम चुराचांदपुर में 3 मई को महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की कड़ी निंदा करते हैं। पैबी ने आरोप लगाया कि म्यांमार के सशस्त्र आतंकवादियों ने पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ अकथनीय अपराध किए।
- कुकी और मैतई समुदायों के बीच हो रही हिंसक झड़प
मणिपुर में इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। अब तक वीडियो में दिख रहे नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मणिपुर में 3 मई से जातीय हिंसा जारी है। राज्य में मैतेई समुदाय के लोग आदिवासी का दर्जा की मांग कर रहे थे। जिसे लेकर कुकी और मैतई समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो रही है।