नई दिल्ली, 10 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संदेशखाली केस में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ी राहत प्रदान की और बिना पूर्व अनुमति के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा मामला दर्ज करने की चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका को वैध करार दिया।
संदेशखाली केस में केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियां खारिज
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने ममता सरकार की याचिका स्वीकारते हुए केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियां खारिज कर दीं। याचिका में बताया गया था कि राज्य सरकार की सामान्य सहमति वापस लेने के बावजूद केंद्रीय एजेंसी मामले की जांच कर रही है।
मुकदमे की अगली सुनवाई 13 अगस्त को
शीर्ष अदालत ने राज्य में सीबीआई जांच पर पश्चिम बंगाल सरकार के मुकदमे की अगली सुनवाई 13 अगस्त को करेगा, तब तक कोर्ट को स्थगित कर दिया गया। बंगाल सरकार ने 2018 में केंद्रीय एजेंसी को जांच के लिए राज्य द्वारा अपनी सामान्य सहमति वापस लेने के बावजूद मामले दर्ज करने पर सीबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने गत आठ मई को ममता सरकार द्वारा दायर मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। राज्य सरकार की ओर से उपस्थित वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में बताया कि राज्य ने 16 नवम्बर, 2018 को अपनी सहमति वापस ले ली थी तो केंद्र जांच एजेंसी को जांच के लिए राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे सकता था।