कोलकाता/लखनऊ, 18 जनवरी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब समाजवादी पार्टी को तृणमूल कांग्रेस का भी साथ मिल गया है। इस क्रम में टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ वोट मांगेंगी। इसकी पहली बानगी आगामी 8 फरवरी को दिखेगी, जब ममता राजधानी लखनऊ में सपा की एक वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगी। इसके बाद पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी वह सपा के लिए ऑनलाइन प्रचार करेंगी।
कोविड पाबंदियों के कारण रद की गई साझा सार्वजनिक रैली
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ममता और अखिलेश की एक साथ सार्वजनिक रैली प्रस्तावित थी, लेकिन महामारी को देखते हुए निर्वाचन आयोग की तरफ से लगाई गईं पांबंदियों के कारण यह योजना रद करनी पड़ी। चुनाव आयोग ने रोड शो और रैली जैसी सियासी गतिविधियों पर 22 जनवरी तक पाबंदी बढ़ाई है। आयोग 22 जनवरी को फिर हालात की समीक्षा करेगा, तब तक राजनीतिक दलों को डिजिटल प्रचार ही करना होगा।
गौरतलब है कि पिछले माह टीएमसी सुप्रीमो ममता ने कहा था कि यदि जरूरी हुआ तो उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सपा को समर्थन देने के लिए तैयार है। ममता और अखिलेश के बीच शुरुआत से ही अच्छी केमिस्ट्री रही है।
अखिलेश तमाम मुद्दों पर कर चुके हैं ममता का समर्थन
अखिलेश देश की राजनीति में गैर-कांग्रेसी धड़े की सिरमौर बनने में जुटी ममता बनर्जी का तमाम मुद्दों पर समर्थन कर चुके हैं। बीते दिसंबर माह में ममता के भाजपा के खिलाफ विकल्प बनाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा था, ‘मैं ममता बनर्जी जी का स्वागत करता हूं। जिस प्रकार से उन्होंने बंगाल में भाजपा का सफाया किया है, उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में सपा भाजपा का सफाया करेगी।’
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को प्रस्तावित है। नतीजे 10 मार्च को घोषित होंगे।