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ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की लीडरशिप पर ठोका दावा, भाजपा बोली – राहुल पर किसी को भरोसा नहीं

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कोलकाता, 7 दिसम्बर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने यह कहते हुए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की लीडरशिप पर दावा ठोक दिया है कि गठबंधन को एक समन्वित और सक्षम नेतृत्व की आवश्यकता है, जो चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर काम कर सके।

ममता ने बांग्ला समाचार चैनल न्यूज 18 बांग्ला को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने I.N.D.I.A. का गठन किया था। अब इसे प्रबंधित करना मोर्चे का नेतृत्व करने वालों पर निर्भर है। यदि वे यह नहीं कर सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस यही कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है।’

‘मैं बंगाल में रहकर ही गठबंधन को संचालित कर सकती हूं

यह पूछे जाने पर कि एक मजबूत भाजपा विरोधी ताकत के रूप में अपनी साख को देखते हुए वह गठबंधन का प्रभार क्यों नहीं ले रही हैं, ममता ने कहा, ‘यदि अवसर दिया गया तो मैं इसका सुचारू संचालन सुनिश्चित करूंगी। मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहां से संचालित कर सकती हूं।’

राहुल का नेतृत्व गठबंधन के भीतर स्वीकार्य नहीं – प्रदीप भंडारी

इस बीच ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने इंडी गठबंधन और राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया है। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “I.N.D.I.A. का कोई भी नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व पर भरोसा नहीं करता। वस्तुतः विपक्षी गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति है। कभी अखिलेश यादव कहते हैं कि वह नेता हैं, कभी ममता बनर्जी कहती हैं कि वह नेता हैं और कभी स्टालिन कहते हैं। लेकिन सभी एक स्वर में कहते हैं कि राहुल गांधी नेता नहीं हैं।”

प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी को ‘राजनीतिक फ्लेयर’ बताते हुए कहा कि भाजपा उन्हें ‘बालक बुद्धि’ नहीं कहती, बल्कि यह I.N.D.I.A. के नेता ही हैं, जो इस तरह के विचार रखते हैं। राहुल का नेतृत्व गठबंधन के भीतर स्वीकार्य नहीं है। यह स्पष्ट दिखता है।

बहरहाल, राहुल गांधी और I.N.D.I.A पर भाजपा के इस तंज ने आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक बहस को और तीखा कर दिया है। गठबंधन के नेता भले ही सार्वजनिक रूप से एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन भाजपा का दावा है कि अंदरखाने असहमति की स्थिति बनी हुई है। अब यह देखना होगा कि इंडी गठबंधन इस आलोचना का कैसे जवाब देता है और क्या वह नेतृत्व को लेकर स्पष्टता प्रदान कर पाएगा।

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