हावड़ा, 23 मई। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को यहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का विरोध करते हुए सभी पार्टियों को एक साथ आने का आग्रह किया।
ममता बनर्जी ने साथ ही यह भी कहा कि केंद्र सरकार संविधान और देश का नाम बदल सकती है। उन्होंने कहा, ‘यह सरकार एजेंसी की, एजेंसी द्वारा और एजेंसी के लिए बन गई है। हमें डर है कि केंद्र सरकार संविधान बदल सकती है, वे देश का नाम बदल सकते हैं… वे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी सम्मान नहीं करते हैं।’
केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सभी पार्टियों से साथ आने की अपील
उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है, उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इस पर साथ आने का आग्रह करती हूं।’
Hon'ble CM of Delhi Shri @ArvindKejriwal and Punjab CM @BhagwantMann Addressing an Important Press Conference | LIVE https://t.co/NfLgrqAy98
— AAP (@AamAadmiParty) May 23, 2023
अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उसे अहंकारी सरकार करार दिया। उन्होंने कहा, “हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं। दिल्ली में इन्होंने जो किया, वह जनतंत्र के खिलाफ है।’
केजरीवाल बोले – देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए
केजरीवाल ने कहा, ‘देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए। मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा, जिन्होंने राज्यसभा में हमारे समर्थन की बात कही। राज्यसभा में अगर यह बिल गिर जाता है तो यह 2024 से पहले सेमीफाइनल होगा।’
Delhi CM @ArvindKejriwal, Punjab CM @BhagwantMann, AAP MP @SanjayAzadSln, MP @raghav_chadha व Delhi Edu. Minister @AtishiAAP का Kolkata पहुंचने पर West Bengal CM @MamataOfficial जी ने स्वागत किया। pic.twitter.com/7aO9LJkutf
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ‘दानिक्स’ काडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक काररवाई के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था। उल्लेखनीय है कि अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।