कोलकाता, 11 मार्च। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत को मशीनरी जनादेश करार देते हुए आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव को जबरन हराया गया है। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने ईवीएम की फोरेंसिक जांच कराने की भी मांग कर डाली।
यह लोकप्रिय जनादेश नहीं, बल्कि मशीनरी का जनादेश
सीएम ममता ने शुक्रवार को यहां पश्चिम बंगाल बजट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘ईवीएम को लेकर बहुत सारी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसके चलते वाराणसी के अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया। मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी को जबर्दस्ती हराया गया है। यह एक लोकप्रिय जनादेश नहीं है, बल्कि मशीनरी का जनादेश है। अगर बीजेपी यह सोचे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उसके लिए चुनाव जीतना इतना आसान हो जाएगा, तो ऐसा नहीं होने वाला है।’
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए जीत इतनी आसान नहीं होने वाली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2024 में जीत के बयान को लेकर ममता ने कहा, ‘कौन भविष्यवाणी कर सकता है कि दो साल बाद क्या होगा? केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके और तानाशाही के माध्यम से बीजेपी ने कुछ राज्यों में जीत हासिल की है, सिर्फ इसलिए वे यह सोचकर खुशी से झूम रहे होंगे कि 2024 भी जीत जाएंगे, लेकिन ये इतना आसान नहीं होने वाला है।’
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने बीजेपी की चार राज्यों में जीत को लेकर गुरुवार को कहा था, ‘मैं आज ये भी कहूंगा कि 2019 के चुनावी नतीजों के बाद कुछ पॉलिटिकल ज्ञानियों ने कहा था कि 2017 के नतीजों ने 2019 के नतीजे तय कर दिए। मैं मानता हूं कि इस बार भी वो यही कहेंगे कि 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजे तय कर दिए।’
इस चुनाव में मीडिया ‘मैन ऑफ द मैच‘ रहा
ममता ने इस दौरान मीडिया को भी नहीं बख्शा और कहा कि इस चुनाव में मीडिया ‘मैन ऑफ द मैच’ रहा। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘आप लोगों ने इतना प्रचार किया कि बीजेपी को ज्यादा काम नहीं करना पड़ा, आपने अपना काम किया।
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि यूपी में विपक्ष के वोट बंटवारे का फायदा बीजेपी को मिला है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा, आज मैंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा से बात की और उनसे कहा कि इस परिणाम से सपा का मनोबल नहीं गिराना चाहिए।’
कांग्रेस पर निर्भर रहने का कोई फायदा नहीं, सभी पार्टियां मिलकर काम करें
ममता ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब भाजपा से लड़ने की इच्छा रखने वाली सभी पार्टियों को मिलकर काम करना चाहिए। कांग्रेस पर निर्भर रहने का कोई फायदा नहीं है। हालांकि, ममता ने कांग्रेस की पराजय के बारे में बात करने से इनकार कर दिया।