कोलकाता, 2 नवम्बर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्य को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का बकाया चुकाने में देरी करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार जान बूझकर गलत सूचना अभियान चला रही है। उनका यह आरोप केंद्र द्वारा बकाया राशि चुकाने की समयसीमा एक पखवाड़े के लिए बढ़ाकर 16 नवम्बर तक करने के एक दिन बाद आया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के आंदोलन के बावजूद कोई धनराशि जारी नहीं की और आरोप लगाया कि लोगों को भ्रमित करने के लिए गलत सूचना फैलाई जा रही है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने एक्स पर लिखा, ‘मैंने मनरेगा में केंद्रीय धनराशि जारी करने के संबंध में एक जान बूझकर दुष्प्रचार अभियान का पता लगाया है। हमारे जोरदार आंदोलनों और विस्तृत तथ्यात्मक रिकॉर्ड और खातों को प्रस्तुत करने के बावजूद, केंद्र अपने पैर खींच रहा है और उसने कोई भी रोकी गई धनराशि जारी नहीं की है।’
I detect a deliberate disinformation campaign regarding Central release of funds in MGNREGA.
Despite our vigorous movements and submission of detailed factual records and accounts, the Centre has been dragging its feet and has not released any withheld fund whatsoever at all.…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 2, 2023
ममता ने गलत सूचना फैलाने को केंद्र सरकार का ‘शर्मनाक” कृत्य बताया। केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि निर्देशों का पालन न करने के कारण ग्रामीण नौकरी योजना के लिए धन बंगाल को जारी नहीं किया गया था। एक बयान में मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुसार पश्चिम बंगाल के लिए फंड 9 मार्च, 2022 से रोक दिया गया है।
ममता ने कहा, ‘लोगों को बेवकूफ बनाने, भ्रम फैलाने और राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए गलत सूचना फैलाई जा रही है। हमें अपने उचित हिस्से की जरूरत है, हम इसके हकदार हैं। यहां-वहां गलत सूचनाएं लीक होने के बावजूद हम गलत तरीके से वंचित हो रहे हैं। शर्म करो!!’