नई दिल्ली, 27 जुलाई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकल गईं। ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें महज पांच मिनट बोलने के बाद रोक कर उनका अपमान किया गया। उन्होंने 2024-25 के केंद्रीय बजट की भी आलोचना की और इसे पक्षपातपूर्ण बताया।
‘मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने बैठक से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं। (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए। असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखी। मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया। यह अनुचित है।’
‘मेरा माइक बंद कर दिया गया’
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं बोल रही थी और मेरा माइक बंद कर दिया गया। मैंने कहा कि आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं। मैं बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और अपनी सरकार को और अधिक गुंजाइश दे रहे हैं। विपक्ष से केवल मैं ही हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं। यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है।’
‘नीति आयोग को वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग को वापस लाएं’
ममता ने कहा, ‘विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं। मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए।’ उन्होंने केंद्रीय बजट की निंदा करते हुए कहा, ‘यह राजनीतिक एवं पक्षपातपूर्ण बजट है। मैंने कहा कि आप अन्य राज्यों के साथ भेदभाव क्यों कर रहे हैं? नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, तो यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग को वापस लाएं।’