कोलकाता, 8 सितम्बर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अपनी रणनीति का एलान किया। इस दौरान उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य नेताओं के साथ विपक्षी मोर्चा बनाने की घोषणा की।
भाजपा का 300 सीटों का अहंकार उसकी दासता होगी, 2024 में ‘खेला होबे’
ममता ने यहां नेताजी इंनडोर स्टेडियम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं, नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन और कई अन्य लोग 2024 में एक साथ आएंगे। सभी विपक्षी दल भाजपा को हराने के लिए हाथ मिलाएंगे। एक तरफ हम सब होंगे और दूसरी तरफ बीजेपी। भाजपा का 300 सीटों का अहंकार उसकी दासता होगी। 2024 में ‘खेला होबे’।’
Kolkata, WB | In 2024 we will play a game that will start from Bengal. Hemant (Soren), Akhilesh (Yadav), Nitish (Kumar), I & other friends will unite then. How will they (BJP) form govt then? There’s no need for BJP govt: CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/qfuGsyI2S8
— ANI (@ANI) September 8, 2022
दरअसल, बंगाली मुहावरा ‘खेला होबे’ (खेल जारी है) पिछले साल विधानसभा चुनावों के दौरान टीएमसी की लड़ाई का नारा था, जिसमें पार्टी ने लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा को हराया था। भाजपा द्वारा झारखंड में कथित खरीद-फरोख्त पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने दावा किया कि हाल ही में बंगाल पुलिस ने झारखंड के विधायकों को नकदी के साथ गिरफ्तार कर हेमंत सोरेन सरकार को गिरने से रोक दिया।
I'll roam around Bengal and it will be equivalent to seeing the world – Smt. @MamataOfficial
While @BJP4India attends invitations globally, they STOP us from attending the same.
We ask:
How long will you continue your AUTOCRACY? pic.twitter.com/XWwPbzpJso— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 8, 2022
भाजपा अपने अहंकार और लोगों के गुस्से के कारण हार का सामना करेगी
टीएमसी प्रमुख ने दावा किया कि भाजपा अपने अहंकार और लोगों के गुस्से के कारण हार का सामना करेगी। उन्होंने कहा, ‘भाजपा को लगता है कि वे हमें सीबीआई और ईडी से धमकी दे सकते हैं। जितना अधिक वे इस तरह के हथकंडे अपनाएंगे, उतना ही वे अगले साल के पंचायत चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों में हार के करीब पहुंचेंगे।’