कोलकाता, 23 जुलाई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश केंद्रीय बजट को जनविरोधी और गरीब विरोधी करार देते हुए कहा कि यह पूरी तरह राजनीतिक और पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने साथ ही बजट में बंगाल को वंचित करने का भी आरोप लगाया।
टीएमसी प्रमुख ममता ने मंगलवार को विधानसभा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि क्या पश्चिम बंगाल ने कोई ऐसी गलती की है, जिसके कारण बंगाल को वंचित कर दिया गया है?
‘आंध्र-बिहार को पैसा मिलने पर कोई आपत्ति नहीं, लेकिन भेदभाव न हो‘
ममता ने कहा कि इस बजट में गरीबों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है और यह पूरी तरह राजनीतिक पक्षपातपूर्ण है। इस दृष्टिकोणविहीन बजट का उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक हित पूरा करना है। उन्होंने कहा, ‘मुझे आंध्र प्रदेश और बिहार को पैसा मिलने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आप भेदभाव नहीं कर सकते हैं, लेकिन बंगाल के साथ भेदभाव किया गया है। 100 दिनों के काम के पैसे का भुगतान अब तक नहीं किया गया है, लेकिन हमें नहीं पता कि आवास योजना की राशि कैसे वितरित की जाएगी?’
‘इस अनदेखी का नतीजा चुनाव परिणाम में देखने मिलेगा‘
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बंगाल प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है। हमारे आसपास के हर राज्य को बाढ़ प्रबंधन के लिए पैसा मिला और उन्होंने हमें वंचित कर दिया। बंगाल का एक लाख 71 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, लेकिन हमें उससे एक पैसा नहीं मिला। उन्होंने हमें हमारे हक से वंचित कर दिया है। इसका नतीजा चुनाव परिणाम में देखने मिलेगा।’
बंगाल को अपमानित किया गया : अभिषेक बनर्जी
वहीं तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव और डायमंड हार्बर सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह बजट वस्तुतः एकतरफा है । बंगाल को वंचित कर दिया गया है। शुभेंदु अधिकारी ने जो कहा था, ‘ जो हमारे साथ, हम उनके साथ’, वह बजट में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।’
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘बंगाल को अपमानित किया गया है, वंचित किया गया है, शोषित किया गया है, प्रताड़ित किया गया है। ये कोई नई बात नहीं है। मैं इस बारे में सदन को बताऊंगा। मैं अभी कुछ नहीं कह रहा हूं। यह बजट पूरी तरह विफल है। शून्य गारंटी, शून्य वारंटी।’