भोपाल, 12 अक्टूबर। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर संप्रति पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं – मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि धरूर इन दिनों पार्टी इन दिनों विभिन्न राज्यों का दौरा कर समर्थन जुटाने में व्यस्त हैं। इसी क्रम में खड़गे ने बुधवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ मुलाकात की और अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की।
इस बीच खड़गे जब पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे तो उनके एक जवाब पर हंसी का फव्वारा फूट पड़ा। दरअसल, खड़गे से सवाल पूछा गया कि इस बार कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन है। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां एक कहावत है… बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे। पहले मेरा चुनाव तो खत्म होने दो… मुझे अध्यक्ष तो बनने दो… उसके बाद देखेंगे।’
‘गांधी परिवार के इनकार के बाद मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया‘
इससे पहले मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस को मजबूत करने और उसकी विचारधारा को बचाने के लिए उन्होंने यह चुनाव लड़ने का फैसला किया है। खड़गे ने मंगलवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद उन्होंने अपने शुभचिंतकों से सलाह मशविरा करके यह चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की मजबूती और विचारधारा को बचाने के लिए मैंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।’
‘उदयपुर चिंतन शिविर की सारी घोषणाएं लागू करूंगा‘
खड़गे ने कहा, ‘पूरे देश में मैं अपनी पार्टी के 9,000 से ज्यादा पदाधिकारियों और शुभचिंतकों से मिलकर अपने लिए समर्थन मांग रहा हूं। उदयपुर चिंतन शिविर की जो घोषणाएं हैं, उन्हीं को शामिल करके मैंने अपना घोषणापत्र बनाया है। संगठन में 50 प्रतिशत पद 50 वर्ष से कम आयु वाले लोगों को दिए जाएंगे और अन्य जो भी घोषणाएं हैं, उन्हें भी मैं लागू करूंगा। मुझे पूरा भरोसा है कि सभी का समर्थन मुझे मिलेगा।’