नई दिल्ली, 3 जून। ओडिशा में शुक्रवार की शाम हुए भीषण ट्रेन हादसे में कम से कम 288 यात्रियों की मौत हुई है और 1000 लोग घायल हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि यह हादसा आजादी के बाद हुई सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक है। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर के कारण इतना भयावह हादसा हुआ।
अब तक की भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं पर नजर
- छह जून, 1981 : बिहार में देश की सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई। मानसी जंक्शन से सहरसा जंक्शन के लिए जा रही 416 डाउन पैसेंजर ट्रेन पुल पार करते समय बागमती नदी में गिर गई। ट्रेन में सवार 750 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई।
- 20 अगस्त, 1995 : उत्तर प्रदेश में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई। उस हादसे में लगभग 305 यात्री मारे गए।
- 2 अगस्त, 1999 : ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई। इस हादसे में 285 से अधिक यात्री मारे गए और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। हताहतों में सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कई जवान शामिल थे।
- 26 नवम्बर, 1998 : पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस, फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिससे 212 यात्रियों की मौत हो गई।
- 20 नवम्बर, 2016 : उत्तर प्रदेश में कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 152 यात्रियों की मौत हो गई और 260 अन्य घायल हो गए।
- 28 मई, 2010 : मुंबई जा रही जनेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास पटरी से उतर गई और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई।
- 9 सितम्बर, 2002 : हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर पटरी से उतर गई। ट्रेन में सवार 140 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई।
- 23 दिसम्बर, 1964 : पंबन-धनुस्कोटी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गई। ट्रेन में सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई।