मुंबई, 27 जून। पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में पिछले एक हफ्ते से जारी सियासी नाटक के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए नौ बागी मंत्रियों के विभाग छीनकर अन्य मंत्रियों को आवंटित कर दिए हैं।
सीएम उद्धव ठाकरे की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार बागी मंत्रियों के विभाग अन्य मंत्रियों को इसलिए दिए जा रहे हैं ताकि प्रशासन चलाने में आसानी हो। शिंदे सहित उनके गुट में शामिल हुए सभी विधायक पिछले एक हफ्ते से असम की राजधानी गुवाहाटी के सितारा होटल रैडिसन ब्ल्यू में ठहरे हुए हैं।
फेरबदल के बाद शिवसेना में अब चार कैबिनेट मंत्री बचे
फिलहाल महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में इस बड़े फेरबदल के बाद शिवसेना में अब चार कैबिनेट मंत्री बचे हैं क्योंकि क्योंकि अन्य नौ मंत्री अब एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले बागी गुट में शामिल हो चुके हैं। शिवसेना के पास बचे कैबिनेट मंत्रियों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके पुत्र आदित्य ठाकरे, अनिल परब और सुभाष देसाई शामिल हैं। इनमें आदित्य को छोड़कर शेष तीन विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं।
शिवसेना के अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में बगावत से पहले पार्टी के 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री थे। सभी चार राज्य मंत्री असम के गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले हुए हैं।
सुभाष देसाई को सौंपा गया एकनाथ शिंदे का नगर विकास मंत्रालय
सीएम उद्धव ठाकरे ने जिन बागी मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है, उनमें सबसे पहला नाम एकनाथ शिंदे का है। शिंदे के पास अब तक नगर विकास मंत्रालय था। अब इस मंत्रालय को उद्योग मंत्री सुभाष देसाई को सौंप दिया गया है। इसके अलावा गुलाबराव पाटिल का जल संपदा विभाग महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब को दिया गया है।
इसी क्रम में अब तक कृषि मंत्री रहे दादा भूसे का मंत्रालय अब सदीपान आसाराम भूमरे को दिया गया है जबकि उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री उदय सामंत का विभाग आदित्य ठाकरे को सौंप दिया गया है। ग्रामीण गृह राज्य मंत्री शंभूराज देसाई का गृह मंत्रालय विश्वजीत कदम को दिया गया है।