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टेरर फंडिंग केस में NIA की बड़ी कार्रवाई, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा समेत कई इलाकों में की छापेमारी

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श्रीनगर, 11 अक्टूबर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू और कश्मीर में अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट की संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े आतंकी फंडिंग मामले में छापेमारी की है। आतंकवाद विरोधी एजेंसी केंद्र शासित प्रदेश के राजौरी, पुंछ, जम्मू, श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, शोपियां और बांदीपोरा जिलों में अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ले रही है। यह छापेमारी जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीमें मिलकर कर रही हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट की संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ा है। इस ट्रस्ट के फंडिंग पैटर्न और गतिविधियों को लेकर एनआईए की ओर से केस दर्ज किया गया था, जो जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर की यूनिट के तौर पर काम कर रहा है। इसे 2019 में UA(P)A के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया था।

NIA ने 11 राज्यों में की थी छापेमारी
गौरतलब है कि बीते महीने एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों ने 11 राज्यों में आतंकवाद के वित्त पोषण में शामिल संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कम से कम 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारियां केरल (22), महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), आंध्र प्रदेश (5), असम (9), दिल्ली (3), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), तमिलनाडु (10), उत्तर प्रदेश (8) और राजस्थान (2) में की गईं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने बीते शुक्रवार को एनआईए से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें पीएफआई के कथित सदस्यों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज मामले से जुड़ी प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने की अपील की गई थी।

जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने मोहम्मद यूसुफ की ओर से दायर याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया। यूसुफ को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को चेन्नई में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था।

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