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लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद भड़कीं महुआ मोइत्रा, कहा – ‘यह भाजपा के अंत की शुरुआत है’

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नई दिल्ली, 8 दिसम्बर। लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को ‘बिना सबूत के कार्य करने’ के लिए लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) पर हमला किया और कहा कि पैनल विपक्ष को ‘बुलडोज’ करने का एक ‘हथियार’ बन रहा है। सांसद के रूप में निष्कासित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मोइत्रा ने नैतिकता समिति और उसकी रिपोर्ट पर ‘पुस्तक में हर नियम को तोड़ने’ का आरोप लगाया।

एथिक्स कमेटी पर हमला – पैनल विपक्ष को बुलडोज‘ करने का एक ‘हथियार’ बन रहा

संसद भवन की सीढ़ियों पर कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) व फारूक अब्दुल्ला और राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में महुआ मोइत्रा ने बहुत ही सख्त लहजे में कहा, “इस लोकसभा ने एक संसदीय समिति के हथियारीकरण को देखा है। विडंबना यह है कि नैतिकता समिति का, जिसे सदस्यों के लिए एक नैतिक दिशा-निर्देश के रूप में स्थापित किया गया था, दुरुपयोग किया जा रहा है और ठीक वही करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जो कभी नहीं करना था, विपक्ष को कुचलना और हमें समर्पण करने के लिए ‘ठोक दो’ हथियार बन जाना।”

टीएमसी सांसद ने कहा, ‘आप मुझे दोषी मान रहे हैं या उस आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं, जो अस्तित्व में ही नहीं है। एथिक्स पैनल की रिपोर्ट पूरी तरह से दो निजी नागरिकों पर आधारित थी, जिनके संस्करण भौतिक दृष्टि से एक-दूसरे के विपरीत थे।’

अपने अलग हुए साथी और वकील जय अनंत देहाद्राई पर तीखा हमला करते हुए मोइत्रा ने आरोप लगाया कि जय अनंत ने ‘दुर्भावनापूर्ण इरादों’ के लिए आचार समिति के सामने एक आम नागरिक का रूप धारण किया। उन्होंने कहा, “मुझे दो निजी नागरिकों से जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई।’

आचार समिति ने बिना सबूत मुझे फांसी दे दी है

मोइत्रा ने कहा, ‘आचार समिति ने मुझे फांसी दे दी है। उन्होंने व्यवसायी (दर्शन हीरानंदानी) की मौखिक रूप से गवाही नहीं दी और कहीं भी नकदी या किसी उपहार का कोई सबूत नहीं था। सांसद ‘कन्वेयर बेल्ट’ की तरह हैं, जो लोगों के मुद्दों को संसद में लाएंगे और उठाएंगे, लेकिन ‘कंगारू अदालत’ ने बिना किसी सबूत के मुझे दंडित किया।”

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे से छुटकारा पा सकते हैं, तो मैं आपको बता दूं कि इस कंगारू अदालत ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि यह कितना महत्वपूर्ण है। अडानी आपके लिए हैं। और एक महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए आप किस हद तक उसे परेशान करेंगे।’

उन्होंने दावा किया कि कल उनके घर पर निश्चित रूप से सीबीआई भेजी जाएगी और उन्हें अगले छह महीने तक परेशान किया जाएगा। मोइत्रा ने आगे कहा, ‘लेकिन अडानी के 13,000 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले के बारे में क्या कहा जाए, जिसे देखने के लिए सीबीआई और ईडी को जगह नहीं मिली। आप मुझे बताएं कि क्या मैंने एक लॉगिन पोर्टल के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है?’

महुआ ने अपनी बातचीत का अंत भाजपा की ओर ओर इशारा करते हुए कहा, ‘यह आपके अंत की शुरुआत है…जब नाश मनुष पर छाता है तो पहले विवेक मर जाता है।’

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