नई दिल्ली, 2 नवम्बर। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसदों ने पैसे के बदले सवाल (Cash for Query) मामले पर गुरुवार को संसद की एथिक्स कमेटी की बैठक से वॉकआउट कर दिया और मीटिंग में पूछे गए कथित प्रश्नों पर सवाल उठाया।
महुआ बोलीं – ‘यह किस तरह की बैठक थी? वे हर तरह के गंदे सवाल पूछ रहे हैं‘
विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि कमेटी ने मोइत्रा से व्यक्तिगत, अशोभनीय और अनैतिक सवाल पूछे। एक सांसद ने तो बैठक की जानकारी तभी मीडिया को लीक कर दी, जब बैठक चल रही थी। बैठक से बाहर आने के बाद महुआ ने कहा, ‘यह किस तरह की बैठक थी? वे हर तरह के गंदे सवाल पूछ रहे हैं।’
दानिश अली का दावा – ‘महुआ से पूछा गया – रात में किससे बात करती हो‘
बैठक से बाहर आए बसपा सांसद दानिश अली ने दावा किया कि मीटिंग में महुआ मोइत्रा से सवाल किया गया कि वे रात में किससे बात करती हैं। दानिश अली ने कहा, ‘हमने वॉकआउट इसलिए किया है कि रात में किससे बात करती हो, क्या बात करती हो, क्या ये सब चेयरमैन पूछेंगे?’
तृणमूल सांसद महुआ और उनके साथ अन्य विपक्षी सांसद आगबबूला होकर एथिक्स कमेटी की बैठक से बाहर निकलते हुए दिखाई दिए। इस दौरान, सभी काफी नाराज नजर आए और महुआ मीडिया के कैमरों के सामने भड़कते हुए दिखीं। विपक्षी सांसदों में बसपा के दानिश अली भी थे।
‘वे कुछ भी कह रहे हैं, कुछ भी बकवास कर रहे हैं’
महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘वे कुछ भी कह रहे हैं। कुछ भी बकवास कर रहे हैं। तुम्हारी आंखों में आंसू हैं। क्या मेरी आंखों में आंसू हैं, आपको आंसू दिख रहे हैं?’ वहीं, जब एक पत्रकार ने पूछा कि वे बैठक से क्यों आ गए तो एक अन्य विपक्षी सांसद ने कहा, ‘बहुत ज्यादा हो गया।’
कांग्रेस सांसद और कमेटी के सदस्य एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने बैठक से बहिर्गमन करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमें आचार समिति के अध्यक्ष द्वारा मोइत्रा से पूछे गए सवाल अशोभनीय और अनैतिक लगे।’
सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि यह आरोप वकील जय अनंत देहाद्रई की दुश्मनी से प्रेरित है क्योंकि उन्होंने उनके साथ अपने व्यक्तिगत संबंध तोड़ दिए थे।
बैठक में महुआ मोइत्रा रेड्डी और बसपा के दानिश अली सहित कुछ विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला, जबकि वीडी शर्मा सहित कुछ भाजपा सदस्य चाहते थे कि वह आरोपों के मूल भाग का जवाब दें और व्यक्तिगत संबंधों के बारे में न बताएं। सूत्रों ने कहा कि आचार समिति के समक्ष मोइत्रा के बयान का एक बड़ा हिस्सा देहाद्रई के साथ उनके संबंधों के बारे में था क्योंकि वह कुछ बातों के लीक होने और आरोपों के लिए उन्हें दोषी ठहराती दिखाई दीं।
एथिक्स कमेटी का आरोप – महुआ ने असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया
वहीं, लोकसभा की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने दावा किया कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बैठक से बाहर निकलने से पहले उनके और पैनल के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया था। विनोद सोनकर ने कहा, ‘कमेटी का मकसद महुआ मोइत्रा के अनैतिक आचरण के आरोपों की जांच करना था। सहयोग करने की बजाय, महुआ मोइत्रा ने गुस्से में आकर पैनल और उसके अध्यक्ष के खिलाफ बुरे शब्दों का इस्तेमाल किया। दानिश अली, गिरधारी यादव सहित विपक्षी सांसद आदि ने अनैतिक रूप से और बहुत गुस्से में, समिति के खिलाफ कुछ आरोप लगाए… वे दर्शन हीरानंदानी के आरोपों पर सवालों का जवाब देने से बचने के लिए पैनल की बैठक से बाहर चले गए।’
उल्लेखनीय है कि तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश हुई थीं। भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने मोइत्रा को इस मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था। इस मामले के संदर्भ में वकील जय अनंत देहाद्रई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज करवाए थे।
भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडानी समूह पर केंद्रित थे। उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किए हैं, जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। हालांकि मोइत्रा ने आरोपों को ‘ठुकराए हुए पूर्व प्रेमी’ का झूठ करार देते हुए खारिज कर दिया है।