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महाराष्ट्र की ‘मदर टेरेसा’ सिंधुताई सपकाल का निधन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

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पुणे, 5 जनवरी। प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित की जा चुकीं सिंधुताई सपकाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 73 वर्ष सिंधुताई लंबे समय से बीमार चल रहीं थी और पिछले लगभग एक माह से यहां गैलेक्सी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। हदप्सर स्थित मंजरी  में आज पूर्वाह्न पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

पूरी जिंदगी अनाथ बच्चों की सेवा में गुजार दी, 1400 अनाथ बच्चों को गोद ले रखा था

सिंधुताई महाराष्ट्र की ‘मदर टेरेसा’ के नाम से लोकप्रिय थीं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अनाथ बच्चों की सेवा में गुजार दी। लगभग 1400 अनाथ बच्चों को गोद लेने वालीं सिंधुताई को नवंबर, 2021 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था। बच्चे उन्हें माई कहकर पुकारते थे। उनकी एकमात्र पुत्री ममता हैं।

गैलेक्सी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ शैलेश पुंताम्बेकर ने बताया कि सपकाल का करीब डेढ़ महीने पहले हर्निया का आपरेशन हुआ था और वह तेजी से ठीक नहीं हो पा रही थीं। मंगलवार की रात करीब आठ बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ।

सिंधुताई का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की एक प्रेरक गाथा : राष्ट्रपति कोविंद

इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं ने सिंधुताई के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

राष्ट्रपति ने उनकी साहस और समर्पण के लिए उन्हें नमन करते हुए कहा, ‘डॉ. सिंधुताई सपकाल का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की एक प्रेरक गाथा है। उन्होंने अनाथ और बेसहारा बच्चों, आदिवासियों तथा हासिए की जिंदगी जीने वालों को प्रेम किया और उनकी सेवा की। उन्हें वर्ष 2021 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अभूतपूर्व साहस से अपनी खुद की कहानी लिखी है। उनके निधन पर उनके परिवारों और अनुयायियों के प्रति संवेदना।’

पीएम मोदी ने कहा – सिंधुताई के निधन से आहत हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शोक संवेदना में कहा, ‘डॉ. सिंधुताई सपकाल को समाज के लिए, उनकी नेक सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने हाशिए के समुदायों के बीच भी बहुत काम किया। उनके निधन से आहत हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. शांति।’