मुंबई, 30 नवंबर। महाराष्ट्र की राजनीति में बीते कुछ समय से उठापटक का दौर खत्म ही नहीं हो सका है। जब राज्य में पार्टियों की अंतर्कलह समाप्त हुई तो मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमा गया। कई जगहों पर तो मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन भी किए। इस बीच बीते महीने मराठा आरक्षण के समर्थन में एकनाश शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने भी इस्तीफा दे दिया। हालांकि, अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से हेमंत पाटिल को समन जारी किया गया है।
हेमंत पाटिल ने शिवसेना के टिकट पर महाराष्ट्र की हिंगोली से लोकसभा का चुनाव जीता था। जब शिवसेना में टूट हुई तो वह एकनाथ शिंदे कैंप में शामिल हो गए। उन्होंने कहा था कि वह मराठा समुदाय के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इस्तीफा दे दे रहे हैं। पाटिल ने कहा था कि पद आएंगे और जाएंगे, लेकिन समुदाय हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा था कि मराठा समुदाय की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति खराब है। इसलिए उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।
- राष्ट्रपति का समन
बीते महीने सांसद हेमंत पाटिल ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को अपना इस्तीफा भेज दिया था। इस्तीफा देने के बाद से ही पाटिल संसद के सभी मीटिंग और कामकाज से दूर चल रहे थे। हालांकि, अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पाटिल को समन जारी किया है और 4 दिसंबर को लोकसभा में हाजिर होने का आदेश दिया है।