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महाराष्ट्र विधानसभा सचिव ने शिवसेना के 53 विधायकों को जारी की कारण बताओ नोटिस, एक हफ्ते में मांगा जवाब

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मुंबई, 10 जुलाई। महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने शिवसेना के दोनों धड़ों के 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी की है। उन्होंने दोनों पक्षों से शिकायत मिलने के बाद यह कदम उठाया है। संबंधित विधायकों से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है।

दोनों पक्षों से शिकायत मिलने के बाद नोटिस भेजने का निर्णय

शिवसेना के दोनों धड़ों के लगभग सभी विधायकों को कारण बताओ नोटिस के बारे में पूछे जाने पर राजेंद्र भागवत ने कहा, ‘जब भी हमें कोई आवेदन मिलता है तो हमें उस पर काररवाई करनी होती है। इसलिए प्रत्येक विधायक को नोटिस जारी की गई है, जिसके खिलाफ आवेदन किया गया था।’

दोनों पक्षों के विधायकों ने कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि भी की

उल्लेखनीय है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों में से एक संतोष बांगड़ चार जुलाई को सरकार के शक्ति परीक्षण के दिन शिंदे खेमे में शामिल हो गए थे। इसी क्रम में दोनों पक्षों के विधायकों ने कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि भी की। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर क्रमश: तीन और चार जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान पार्टी ह्विप की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए विरोधी पक्ष के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।

सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं

शिंदे खेमे ने उन विधायकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया है, जिन्हें उन्होंने अयोग्य ठहराने की मांग की है। नोटिस महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य (दल-बदल के आधार पर अयोग्यता) नियमों के तहत जारी की गई है। सूत्रों ने बताया कि विधायकों को सात दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है।

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के 55 विधायक हैं। शिवसेना के एक विधायक की मृत्यु के कारण सदन के सदस्यों की मौजूदा संख्या 287 है। शक्ति परीक्षण के दौरान 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था जबकि 99 ने इसके खिलाफ मतदान किया था।

गत चार जुलाई को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद एकनाथ शिंदे के खेमे ने उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को शिवसेना के ह्विप और शिंदे के वफादार भरत गोगावले द्वारा जारी की गई ह्विप का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी की थी।

वहीं विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से एक दिन पहले महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने ठाकरे खेमे से जुड़े सुनील प्रभु के स्थान पर गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता दी थी। तीन जुलाई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए थे। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में नार्वेकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के उम्मीदवार राजन साल्वी को हराया था। नार्वेकर को 164 मत मिले थे, जबकि साल्वी को 107 वोट मिले थे।

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