मुंबई, 12 अगस्त। हिंदू संगठनों ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने की रविवार को मांग की। बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के बाद अराजकता की स्थिति की बरकरार है।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, मानव सेवा प्रतिष्ठान, वज्र दल, योग वेदांत समिति, सुयश मित्र मंडल, श्री शिवराज्याभिषेक दिनोत्सव समिति, सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति जैसे संगठनों के सदस्य मुंबई के दादर इलाके में एकत्र हुए तथा बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित अत्याचार के खिलाफ नारेबाजी की।
उन्होंने केंद्र सरकार से पड़ोसी देश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की मांग की। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर ने संवाददाताओं से कहा, “बांग्लादेश में हो रहा विरोध अब हिंदू विरोधी हो गया है। केंद्र सरकार को इसके खिलाफ तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और हिंदू बहुल क्षेत्र का भारत में विलय करने के लिए बांग्लादेश में प्रवेश करना चाहिए।”
सनातन संस्था के अभय वर्तक ने कहा कि यहां के हिंदुओं को बांग्लादेश में समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरना चाहिए। हिंदू संगठनों के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को सौंपे जाने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए।
उन्होंने कहा कि जो हिंदू भारत में शरण लेना चाहते हैं, उन्हें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। बांग्लादेश में हिंदुओं के कई घरों, मंदिरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है। हसीना सरकार के गिरने के बाद से बांग्लादेश में हुई हिंसा में पूर्व प्रधानमंत्री की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेता मारे गए हैं।