मुंबई, 31 मार्च। महाराष्ट्र सरकार ने जेल में बंद कैदियों के लिए बड़ी पहल करते हुए उन्हें 50 हजार रुपये तक का पर्सनल लोन देने का निर्णय लिया है। सूबे के कैदियों को जेल में किए गए काम के बदले यह लोन मिलेगा। इस योजना के संदर्भ में आदेश भी जारी कर दिया गया है।
जेल में किए गए काम के बदले 7 फीसदी ब्याज पर मिलेगा लोन
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक लोन के बदले सात प्रतिशत ब्याज लेगी। सरकार पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में एक पायलट परियोजना के रूप में इसे शुरू होने जा रही है।
1,055 कैदियों को मिलेगा लाभ, गारंटर की जरूरत नहीं
इस योजना के तहत लगभग 1,055 कैदियों को लाभ मिलेगा। इस प्रकार के ऋण को खवती ऋण कहते हैं और इसे लेने के लिए ‘गारंटर की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह व्यक्तिगत बांड के आधार पर वितरित किया जाएगा।
वस्तुतः महाराष्ट्र सरकार का मानना है, लंबी सजा काटने वालों में अधिकतर कैदी अपने परिवार के मुख्य सदस्य हैं। ऐसे में उनके जेल में होने से परिवार की आर्थिक हालत खराब हो जाती है। यही कारण है कि ऐसे कैदी को उसके परिवार की जरूरतों के लिए लोन की व्यवस्था की गई है।