मुंबई,20 फरवरी। विधानमंडल के विशेष सत्र से पहले महाराष्ट्र कैबिनेट ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दी। दरअसल, मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कार्यवाही के लिए पहुंच गए हैं। सरकार का मकसद है कि अन्य समुदायों के लाभों को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण प्रदान किया जाए। महाराष्ट्र कैबिनेट के इस फैसले से बीते कई महीनों से चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के समाप्त होने की उम्मीद की जा रही है।
मनोज जरांगे की अगुवाई में चल रहे मराठा आरक्षण के लिए लाखों आरक्षण समर्थक मुंबई सहित पूरे सूबे में प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहे थे। इस समस्या के समाधान के लिए बीते 20 फरवरी को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया। शिंदे सरकार जल्द से जल्द इस जटिल मसले को सुलझाने की कोशिश कर रही थी। इसी के तहत सरकार ने मराठाओं को शिक्षा और सरकार नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा ने 2018 में ही मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में 16 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक पारित किया था। मगर इससे राज्य में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा से ऊपर चला गया। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में इसे असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था।