मुंबई, 28 अक्टूबर। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के राजनीति में कड़वाहट खत्म करने के आह्वान का स्वागत किया है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में एक लेख में कहा गया है कि फडणवीस को राजनीतिक कड़वाहट खत्म करने का बीड़ा उठाना चाहिए।
दरअसल, फडणवीस ने दिवाली मिलन कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत कहा कि राजनीति में बहुत कड़वाहट होती है, इसे खत्म करने की जरूरत है। फडणवीस के इस आह्वान का जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने अपने संपादकीय में कहा, ‘राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। अगर आपके मन में कड़वाहट खत्म करने का ख्याल आ गया है तो आपको तुरंत पहल करनी चाहिए।’
इस वर्ष जून में गिर गई थी महा विकास अघाड़ी सरकार
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना विधायकों के एक समूह के साथ गत जून में विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसके कारण महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) गिर गई थी। शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह से प्रभावित उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की। ठाकरे के इस्तीफे का मतलब शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी महा विकास अघाड़ी गठबंधन का अंत था, जिसने 31 महीने तक राज्य पर शासन किया था।
एमएलसी चुनाव नतीजों के बाद शुरू हुआ था राजनीतिक संकट
वस्तुतः महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राजनीतिक संकट शुरू हो गया था। भाजपा ने चुनाव में पांच सीटें जीतीं जबकि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को दो-दो सीटें मिलीं थीं। करीब 20 विधायकों के क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई गई थी।
गौरतलब है कि 2019 तक शिवसेना भी एनडीए का हिस्सा थी। लेकिन 2019 में चुनाव पूर्व शिवसेना गठबंधन से बाहर निकलकर कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे को सीएम बनाया गया। इस वर्ष जुलाई तक महा विकास अघाड़ी की सरकार चली। फिर शिवसेना में टूट के बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ राज्य में सरकार बनाई और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
चुनाव ने शिवसेना का निशान ‘धनुष और तीर‘ कर रखा है फ्रीज
हाल ही में चुनाव आयोग (ईसी) ने आगामी तीन नवम्बर को होने वाले महत्वपूर्ण अंधेरी उपचुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बीच शिवसेना के धनुष और तीर के निशान को भी फ्रीज कर दिया। आयोग ने इसी क्रम में शिवसेना के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के लिए नया नाम भी जारी किया।