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महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच बोले उद्धव ठाकरे – ‘मैंने सीएम आवास छोड़ा है, लेकिन मेरा संकल्प अब भी मजबूत’

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मुंबई, 24 जून। राजनीतिक संकट का सामना कर रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को एक बार फिर भावनात्मक संदेश से पार्टी में बिखराव रोकने की कोशिश की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिवसेना पदाधिकारियों से संपर्क करते हुए कहा, “पार्टी ने पहले जिन विद्रोहों का सामना किया है, उनके बावजूद वह दो बार सत्ता में आई। मैंने मुख्यमंत्री आवास ‘वर्षा’ को छोड़ा है, लेकिन मेरा संकल्प अब भी मजबूत है।”

पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने अपनी सेहत के बारे में भी जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार सीएम ने कहा, ‘मेरी गर्दन और सिर में दर्द था, मैं ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। मैं अपनी आंखें नहीं खोल सका, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं थी। शिवाजी महाराज हार गए, लेकिन लोग हमेशा उनके साथ थे।’

शिंदे के लिए मैंने सबकुछ किया, लेकिन वह मुझ पर आरोप  लगा रहे

बागी नेता एकनाथ शिंदे का नाम लेते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘एकनाथ शिंदे के बेटे शिवसेना के सांसद हैं, मैंने उनके लिए सब कुछ किया। मेरे पास जो विभाग था, वह शिंदे को दिया गया था। लेकिन वह मुझ पर कई आरोप लगा रहे हैं। मैंने एकनाथ शिंदे के लिए सब कुछ किया।’

वहीं उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद शिवसेना नेता सचिन अहीर ने कहा, ‘सीएम के भाषण के बाद पार्टी के सभी पदाधिकारियों में एक नई ऊर्जा है। विधायक भले ही यहां न हों, लेकिन पार्टी बरकरार है। पार्टी का पूरा आधार है और इसी भावना के साथ हम लड़ेंगे।’

पहले की भांति विद्रोही फिर सफल नहीं होंगे : प्रियंका चतुर्वेदी

दूसरी तरफ शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी वर्तमान परिस्थिति को लेकर कहा, ‘हम शिव सैनिक हैं और हम लड़ेंगे और जीतेंगे। वे (विद्रोही विधायक) जो कर रहे हैं, वह कानूनी नहीं है और राजनीतिक रूप से भी संभव नहीं है। शिवसेना के साथ ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पहले के समय की तरह, विद्रोही फिर सफल नहीं होंगे।’