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दिग्विजय सिंह के बयान पर महंत राजू दास का पलटवार – ‘कांग्रेस ने ही गढ़ा भगवा आतंकवाद शब्द’ 

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अयोध्या, 16 जनवरी। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम विराजमान होने वाले हैं। आज  से राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे, उससे पहले 7 दिन के अनुष्ठान की आज शुरुआत होगी। इस बीच राम मंदिर पर सियासी घमासान भी जारी है। कांग्रेस नेताओं द्वारा राम मंदिर पर दिए बयानों पर अब महंत राजू दास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चलते श्रीराम इतने दिनों तक तंबू में रहे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वजह से ही यह मुद्दा इतने लंबे समय तक चला। कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए भगवान राम को काल्पनिक साबित करने की कोशिश की। उन्होंने भगवान राम को तंबू में रखा।

‘भगवा आतंकवाद’ कांग्रेस की देन

पुजारी महंत राजू दास ने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में गायों और हिन्दू संतों को गोली मारी। उन्होंने कई बार सनातन धर्म को नीचा दिखाने की कोशिश की है। ये वही दिग्विजय सिंह हैं, जिन्होंने अपनी किताब में लिखा था कि हिन्दू संत बोको हराम से भी ज्यादा उग्रवाद फैला रहे हैं। यह कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ही हैं, जिन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा है।

राहुल और सोनिया गांधी पर कटाक्ष

इतना ही नहीं पुजारी महंत राजू दास ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कहा कि जहां कोर्ट ने आदेश दिया था, वहां मंदिर नहीं बन रहा है। फिर कहां बन रहा है? सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आकर बताना चाहिए। राजू दास ने कहा कि मंदिर ठीक उसी जगह पर निर्मित हो रहा है, जिसके लिए हम लड़ रहे थे।

क्या बोले दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह लगातार राम मंदिर को लेकर बयान देते आए हैं। पहले उन्होंने राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को भाजपा और आरएसएस का इवेंट बताया था। अब एक बार फिर उन्होंने कटाक्ष करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘कांग्रेस ने कभी भी धर्म को अपना राजनीतिक हथियार नहीं बनाया। किसी भी पार्टी को धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगना चाहिए। सनातन धर्म व सभी धर्म हमें अच्छा इंसान बनने की शिक्षा देता है। मेरे लिए इंसानियत ही धर्म का मूल सिद्धांत है। धर्म जोड़ता है, राजनीति बांटती है।’

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