पटना, 22 अक्टूबर। बिहार में पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और कम्युनिस्ट धड़ों को मिलाकर बना महागठबंधन टूट गया है और कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने की घोषणा कर दी है। बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने शुक्रवार को यहां मीडिया से बातचीत में राजद पर महागठबंधन के टूटने का ठीकरा फोड़ते हुए एलान किया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
पप्पू यादव से मुलाकात के बाद भक्त चरण दास ने की घोषणा
दिलचस्प यह रहा कि भक्त चरण दास ने आज ही दिन में जन अधिकार पार्टी (जाप) लोकतांत्रिक के नेता राजेश रंजन उर्फ पप्यू यादव से मुलाकात के बाद यह घोषणा की। पप्पू यादव ने बिहार की दो विधानसभा सीटों – तारापुर और कुशेश्वरस्थान के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। इस मुलाकात के बाद भक्त चरण दास ने कहा कि पप्पू यादव के समर्थन से कांग्रेस को चुनाव में मजबूती मिलेगी।
दो विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव बना बिखराव का कारण
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के राजद और कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से तनातनी चल रही थी और इसकी वजह दोनों विधानसभा सीटों पर हो रहा उपचुनाव है। राजद ने इन दोनों ही सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान किया था। इसके बाद कांग्रेस ने भी दोनों सीटों से अपने उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला कर लिया।
कांग्रेस-राजद के बीच आरोप-प्रत्यारोप
कांग्रेस के इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाने की घोषणा के साथ ही भक्त चरण दास ने राजद पर आरोप लगाया था कि भाजपा से समझौते के कारण उसने कांग्रेस का साथ छोड़ा है और उपचुनाव के बाद राजद और भाजपा हाथ मिला सकते हैं। इस पर राजद ने कहा था कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को बिहार की राजनीति की जमीनी हकीकत का अंदाजा नहीं है। पिछले दिनों सांसद मनोज झा ने भी कहा था कि ऐसे ही नेता अपनी पार्टी की लुटिया डुबोते हैं।
दोनों सीटों पर जदयू को भाजपा और राष्ट्रीय लोजपा का समर्थन
इन दोनों ही सीटों के उपचुनाव में सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) को भाजपा और पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का समर्थन प्राप्त है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में दोनों सीटों पर जदयू की ही जीत हुई थी।