लखनऊ, 15 दिसम्बर। अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और कोर्ट में प्रभावी पैरवी से पूर्व विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी को एक और झटका लगा, जब एमपी/एमएलए कोर्ट ने वाराणसी के एक कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा की हत्या के गवाह को धमकाने के मामले में शुक्रवार को उसे साढ़े पांच वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उसपर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अवधेश राय की हत्या में मुख्तार को सुनाई जा चुकी है उम्रकैद की सजा
गौरतलब है कि इससे पहले यूपी कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या में भी माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को अब तक कुल सात मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
वाराणसी के एमपी/एमएलए कोर्ट ने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाया। शु्क्रवार को हुई सुनवाई में मुख्तार अंसारी के खिलाफ सभी आरोप सही साबित हुए। इस मामले में कोर्ट ने माफिया को साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
26 वर्ष पहले कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा की हुई थी हत्या
गौरतलब है कि वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर के कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा की 22 जनवरी, 1997 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। उस हत्या में मुख़्तार अंसारी व उसके गुर्गे अताउर रहमान उर्फ सिकंदर का नाम सामने आया था। इसके बाद पांच नवम्बर, 1997 की शाम नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा के लैंडलाइन पर धमकी दी गई कि अपहरण के बाद हत्या मामले में पुलिस अथवा सीबीआई में पैरवी न करें। साथ ही पैरवी पर पूरे परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इस संबंध में भेलूपुर थाने में एक दिसम्बर को मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने मामले में विवेचना पूरी कर तीन जुलाई 1998 को मुख्तार अंसारी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र प्रेषित किया था।