उज्जैन, 14 जून। कोरोना संक्रमण के कम होते मामलों के मद्देनजर देश के कई राज्यों में चरणबद्ध तरीके लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया जारी है। इस क्रम में मध्य प्रदेश की कुंभ नगरी उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर को भी 80 दिनों बाद आगामी 28 जून से श्रद्धालुओं के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है।
कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा
उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मंदिर खोलने के निर्णय के साथ ही इस बार भक्तों के लिए कोरोना गाइडलाइंस को भी सख्त रखा गया है। कोरोना से बचाव के क्रम में ही मंदिर के पुजारी, पंडों और कर्मचारियों के लिए वैक्सिनेशन अनिवार्य कर दिया गया है। अब इन्हें भी मंदिर में प्रवेश के समय वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा। सभी कर्मचारियों को टीका लगवाने का आदेश दिया है। मंदिर में 650 से ज्यादा कर्मचारी हैं।
आपदा प्रबंधन की बैठक में निर्णय लिया गया है कि मंदिर में एंट्री के लिए भक्तों को 48 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट या वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा। कलेक्टर ने बताया कि मंदिर में आने वाले सभी पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, सुरक्षा कर्मी, सफाईकर्मी समेत समिति के 326 कर्मचारियों को 28 जून तक वैक्सिनेशन के बाद ही प्रवेश मिलेगा।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मंदिर के कई पंडे-पुजारी और कर्मचारी संक्रमित हुए थे। कलेक्टर के अनुसार कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है, बस कम हुआ है। ऐसे में सबको ज्यादा सावधानियां बरतनी होंगी।
गौरतलब है कि मुख्य मंदिर के 48 पुजारी-पुरोहित, परिसर में स्थित 44 अन्य मंदिरों के पुजारी, मंदिर समिति के 326 कर्मचारी, 120 सुरक्षाकर्मी, 100 सफाईकर्मी और अन्य कर्मचारी भोर में चार बजे से रात 11 बजे तक मंदिर में ही रहते हैं।