भोपाल, 4 जून। कोरोनाकाल के दौरान मानदेय में बढ़ोतरी सहित विभिन्न मांगों को लेकर गत 31 मई में राज्य में जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। इस क्रम में राज्य सरकार ने साफ शब्दों में कह दिया है कि हड़ताली डॉक्टरों को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए जबकि जूनियर डॉक्टरों की एसोसिएशन ‘जूडा’ ने भी अड़ियल रुख अख्तियार कर रखा है।
हाई कोर्ट ने हड़ताल को अवैध घोषित कर रखा है
गौरतलब है कि जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को गैरकानूनी घोषित कर दिया था और 24 घंटे के अंदर काम पर न लौटने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई का भी निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश से व्यथित जूडा के सदस्य लगभग तीन हजार जूनियर डॉक्टरों ने कल ही सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था।
देखा जाए तो राज्य सरकार ने भी इस हड़ताल के प्रति शुरू से ही बेरुखी दर्शाई है। दो दिन पूर्व उसने स्पष्ट शब्दों में कह दिया था कि जूनियर डॉक्टर यदि हड़ताल खत्म नहीं करते तो उनका रजिस्ट्रेशन रद कर दिया जाएगा।
मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बैठक रही बेनतीजा
इस बीच गुरुवार को मंत्रालय में संबंधित अधिकारियों और हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधमंडल के बीच एक घंटे तक चली बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। बैठक के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जूनियर डॉक्टरों को हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा और 24 घंटे की जो समय अवधि दी गई है, उसमें काम पर लौटना होगा क्योंकि हाई कोर्ट का निर्णय अंतिम है।
विश्वास सारंग ने कहा कि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर पहले ही सहमति जता रखी है, ऐसे में डॉक्टर हठधर्मिता न करें अन्यथा मरीजों की आड़ में ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लेकिन जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों पर अडिग हैं। उनका कहना है कि वे सिर्फ और सिर्फ लिखित में आदेश चाहते हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने पूरे करोना काल में लगातार मेहनत की है और मानदेय की बढ़ोतरी को लेकर भी पिछले छह महीने से सरकार से मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, लिहाजा उनके सामने हड़ताल के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है।
जूनियर डॉक्टर बोले – हठधर्मिता हम नहीं, सरकार कर रही
जूडा के सदस्यों का कहना था, ‘अगर सरकार कोई एक्शन लेती है तो उसके लिए भी हम तैयार हैं। बीच में सेवाएं छोड़ने पर जो बॉन्ड की राशि बन रही है, वह भी हम सरकार को लौटाने को तैयार हैं। पूरे देश के डॉक्टर हमारे समर्थन में है, ऐसे में हठधर्मिता हम नहीं, सरकार कर रही है।’
डॉक्टरों के कई संगठनों का हड़ताल को समर्थन
इस बीच देशभर में डॉक्टरों के कई संगठनों ने जूडा की हड़ताल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। इनमें प्रमुख रूप से इंडियन मेडिकल एसोसिएन (आईएमए), फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया शामिल हैं।
राहुल गांधी ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में एक ट्वीट के जरिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने ट्वीट में लिखा, ‘डॉक्टरों को कोरोना वायरस के साथ भाजपा सरकार की क्रूरता से भी बचाने की जरूरत है।’