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मध्य प्रदेश ने रचा इतिहास, मुंबई को 6 विकेट से हराकर पहली बार जीती रणजी ट्रॉफी

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बेंगलुरु, 26 जून। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से परिपूर्ण मध्य प्रदेश ने देश की शीर्षस्थ घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता यानी रणजी ट्रॉफी के इतिहास में उम्मीदों के अनुरूप नया अध्याय लिख दिया और खिताबी मुकाबले के पांचवें व अंतिम दिन रविवार को यहां रिकॉर्ड 41 बार के चैंपियन मुंबई के खिलाफ छह विकेट की सीधी जीत से पहली बार चैंपियन का श्रेय अर्जित कर लिया।

एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंतिम दिन दो विकेट पर 113 रनों से आगे बढ़ी मुंबई की दूसरी पारी 269 रनों पर सिमट गई। इस प्रकार मध्य प्रदेश को सिर्फ 108 रनों की विजय लक्ष्य मिला, जिसने पहली पारी में 162 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर रखी थी।

रणजी सत्र 2021-22 में 1000 रन बनाने से सिर्फ 18 रन दूर रहे सरफराज खान (45) और युवा सुवेद पार्कर (51) ने मुंबई की पारी संभालने की कोशिश की, लेकिन कुमार कार्तिकेय (4-98) की अगुआई में गेंदबाजों ने विपक्षी बल्लेबाजों को ज्यादा दूर नहीं जाने दिया।

स्कोर कार्ड

इसके बाद आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए मध्य प्रदेश ने हिमांशु मंत्री (37), शुभम शर्मा (30) और रजत पाटीदार (नाबाद 30) की पारियों की बदौलत 29.5 ओवर में चार विकेट पर 108 रन बनाकर जीत दर्ज की।

शुभम शर्मा प्लेयर ऑफ द मैच को सरफराज टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

चैंपियन टीम के शतकवीर बल्लेबाज शुभम शर्मा को जहां ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ घोषित किया गया वहीं पहली पारी में शतक जड़ने वाले मुंबइया बल्लेबाज सरफराज खान को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ घोषित किया गया। सरफराज ने इस रणजी सत्र में चार शतक सहित कुल 982 रन बनाए।

कोच चंद्रकांत पंडित के लिए यादगार दिन

सच पूछें तो कोच चंद्रकांत पंडित के लिए यह सर्वाधिक यादगार दिन रहा, जिन्होंने इसी मैदान पर 23 वर्ष पहले बतौर कप्तान रणजी ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला कर्नाटक के हाथों गंवाया था। लेकिन इस बार वह चैंपियन टीम का हिस्सा बनने में सफल रहे। पंडित की अगुआई वाली मध्य प्रदेश की टीम ने पहली पारी में बढ़त के बावजूद फाइनल गंवा दिया था और उनके करिअर का अंत निराशा के साथ हुआ था।

देखा जाए तो कोच के रूप में पंडित का यह रिकॉर्ड छठा राष्ट्रीय खिताब है। उनके मार्गदर्शन में विदर्भ ने भी चार ट्रॉफी (लगातार दो रणजी और ईरानी कप खिताब) जीती जबकि उसके पास कोई सुपरस्टार नहीं थे।