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डिजिटल मंचों ने कहानीकारों को बॉक्स ऑफिस के जाल से मुक्त कर दिया : माधुरी दीक्षित नेने

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मुंबई, 19 अक्टूबर। बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने का कहना है कि डिजिटल मंचों ने कहानीकारों को बॉक्स ऑफिस के जाल से मुक्त कर दिया है और कलाकारों के लिए ‘साहसी’ विषयों पर काम करना संभव बना दिया है। गत छह अक्टूबर को ओटीटी अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘मजा मा’ (Maja Ma) के बारे में एक साक्षात्कार के दौरान माधुरी ने यह टिप्पणी की।

फिल्म ‘मजा मा’ में माधुरी ने पल्लवी पटेल की भूमिका निभाई है, जो कि एक समलैंगिक महिला है और अपने व्यक्तित्व को बनाए रखने की चुनौतियों के साथ अपने परिवार को एक साथ रखने की भरपूर कोशिश करती है।

माधुरी दीक्षित ने इस साल की शुरुआत में नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘द फेम गेम’ से ओटीटी में कदम रखा था। अभिनेत्री ने साक्षात्कार में कहा, ’90 के दशक में समय अलग था। ओटीटी के आने से, सिनेमाघरों में फिल्मों को रिलीज करने की बाधाओं के बारे में सोचे बिना ही अलग-अलग कहानियां खुल कर बताई जा सकती हैं। ओटीटी पर आप कहानियों को मन मुताबिक बता सकते हैं और अपनी पसंद के विषय चुन सकते हैं।’

ओटीटी ने ‘मजा मा’ जैसी साहसी फिल्म बनाना संभव किया

लोकप्रिय अभिनेत्री माधुरी ने कहा कि निर्माता अब वैश्विक स्तर तक के दर्शकों के लिए कहानियां गढ़ते हैं। उन्होंने कहा, ‘ओटीटी पर लोग दुनियाभर से अलग-अलग विषयों की फिल्में और सीरीज देखते हैं। इस कारण यहां (भारत) के लोगों के लिए सामने आ कर इस तरह की साहसिक फिल्म बनाना संभव हो गया है।’

गौरतलब है कि फिल्म ‘मजा मा’ का निर्देशन आनंद तिवारी ने किया है। इसमें गजराज राव, ऋत्विक भौमिक, रजित कपूर, शीबा चड्ढा, सिमोन सिंह और निनाद कामत अहम भूमिका में हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे अपने अलग प्रशंसक हैं। वे दर्शक, जो मुझे हमेशा देखते हैं। हमने जब इस फिल्म को बनाना शुरू किया था, तो हमारा इरादा इसे बहुत संवेदनशीलता और शालीनता के साथ बनाने का था। अगर मेरे इस फिल्म में होने से इसका संदेश ज्यादा लोगों तक पहुंचता है तो मुझे खुशी होगी।’