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तमिलनाडु: स्टालिन पहली बार बने मुख्यमंत्री, 33 अन्य मंत्रियों ने ली शपथ

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चेन्नई, 7 मई। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) को बड़े अंतर से हराकर सत्ता में लौटे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख मुथुवेल करुणानिधि (एम.के.) स्टालिन ने शुक्रवार को अपने 33 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। डीएमके के संस्थापक दिवंगत एम. करुणानिधि के पुत्र स्टालिन को पहली बार तमिलनाडु की सत्ता संभालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

राजभवन में पूर्वाह्न आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने स्टालिन सहित अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ओ. पनीरसेल्वम, कांग्रेस के पी. चिदंबरम समेत गठबंधन के नेता, एमडीएमके अध्यक्ष वाइको और राज्य के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

एम.के. स्टालिन ने अपने पास गृह के अलावा सार्वजनिक एवं सामान्य प्रशासन सहित अखिल भारतीय सेवाएं, जिला राजस्व अधिकारी, विशेष कार्यक्रम कार्यान्वयन और दिव्यांगों के कल्याण विभाग भी रखा है।

स्टालिन ने द्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी महासचिव दुरईमुरुगन सहित उन 18 नेताओं को अपने मंत्रिमंडल में फिर जगह दी है, जो पूर्व में डीएमके सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं जबकि 15 निर्वाचित सदस्य पहली बार मंत्री बने हैं।

दुरईमुरुगन को जल संसाधन मंत्री का प्रभार सौंपा गया है। वह 2006 से 2011 के बीच द्रमुक सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे। चेन्नई के पूर्व मेयर एम. सुब्रमण्यन और उत्तर चेन्नई से पार्टी के नेता पी. के. सेकरबाबू उन व्यक्तियों में शामिल हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं। सुब्रमण्यन व सेकरबाबू क्रमशः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ प्रबंधन विभाग संभालेंगे। पूर्व निवेश बैंकर पी. त्यागराजन को वित्त और अंबिल महेश पोय्यामोझी को स्कूल शिक्षा विभाग सौंपा गया है।

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