लखनऊ, 27 अगस्त। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तर प्रदेश दौरे के आज दूसरा दिन है। यहां लखनऊ के कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल के हीरक जयंती समारोह को राष्ट्रपति संबोधित करते हुए कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल की जमकर तारीफ की। राष्ट्रपति ने कहा कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने देशभर के सैनिक स्कूलों में बेटियों की शिक्षा की घोषणा की है, लेकिन यूपी के इस सैनिक स्कूल में तीन साल पहले से ही बेटियां शिक्षित हो रहीं हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अच्छी बात ये है कि इस साल पहली बार यहां की बेटियां एनडीए की परीक्षा में शामिल होंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 16 नए सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए मंजूरी मांगी है। केंद्र सरकार के पास इसका प्रस्ताव गया है। जल्द ही उसे मंजूरी मिलने की संभावना है। राष्ट्रपति कोविंद ने बताया कि एक साल के अंदर देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का प्रस्ताव है।
- डॉ. संपूर्णानंद की प्रतिमा का किया अनावरण
राष्ट्रपति ने कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल के हीरक जयंती वर्ष के समापन समारोह में शिरकत की। यहां उन्होंने डॉ. संपूर्णानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महामहिम को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी मौजूद हैं। इसके बाद शाम को राष्ट्रपति PGI के 26 वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में शामिल होगें। इसके साथ ही स्कूल की क्षमता दोगुनी किए जाने की परियोजना और बालिका छात्रावास का शिलान्यास और डाक टिकट का विमोचन भी किया।
- देश का पहला सैनिक स्कूल, जहां बालिकाओं को मिला प्रवेश
यह देश का पहला सैनिक स्कूल है। इसका अनुकरण कर रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर अन्य सैनिक स्कूलों की स्थापना की गई। बालिकाओं को सैनिक स्कूलों में प्रवेश देने के लिए इस सैनिक स्कूल को देश का पहला सैनिक स्कूल होने का गौरव प्राप्त है। साथ ही, इस विद्यालय के भूतपूर्व छात्र कैडेट स्व. कैप्टन मनोज कुमार पांडेय को देश के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्रसे सम्मानित किया गया।
- बीते 60 सालों में इस विद्यालय द्वारा विभिन्न यादगार
उपलब्धियां अर्जित की गई हैं। विद्यालय ने अपनी स्थापना से अभी तक लगभग 4,000 छात्र सैनिकों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 1,000 से अधिक छात्र भारतीय सशस्त्र सेनाओं में अधिकारी बनकर देश की सेवा में संलग्न और सेना के उच्च पदों पर सुशोभित हैं।