नई दिल्ली, 10 मई। दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह छत्रसाल स्टेडियम में दो गुटों के बीच हुए संघर्ष में एक पहलवान की मौत के बाद फरार चल रहे ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
37 वर्षीय सुशील कुमार देश के इकलौते अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं, जिन्हें ओलंपिक के कुश्ती मुकाबलों में दो पदक जीतने का गौरव प्राप्त है। वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के चार वर्षों बाद लंदन (2012) में उन्होंने रजत पदक जीता था। भारत में खेलों के सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड व अर्जुन अवार्ड के अलावा पद्म श्री से अलंकृत किए जा चुके सुशील कुमार राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीत चुके हैं।
फिलहाल अब वह हत्या के मामले में वांछित हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के मॉडल टाउन इलाके में एक फ्लैट को खाली कराने को लेकर बीते मंगलवार को यह विवाद हुआ था। पुलिस झगड़े के पीड़ितों का बयान पहले ही दर्ज कर चुकी है। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि जब झगड़ा हुआ, तब सुशील कुमार मौके पर मौजूद थे। पुलिस इस मामले में सुशील के श्वसुर व पूर्व अंतरराष्ट्रीय पहलवान सतपाल सिंह सहित लगभग एक दर्जन लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो सुशील कुमार दिल्ली और हरियाणा में लगातार अपने ठिकाने बदल रहे हैं। घटना के बाद सुशील पहले हरिद्वार और फिर ऋषिकेश गए थे। बताया जा रहा है कि सुशील हरिद्वार में एक आश्रम में रुके थे। हरिद्वार से दिल्ली लौटने के बाद सुशील लगातार ठिकाने बदल रहे हैं। दिल्ली पुलिस की कई टीमें उन्हें पकड़ने के लिए दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में लगातार छापेमारी कर रही हैं।
ज्ञातव्य है कि गत पांच मई को मॉडल टाउन क्षेत्र में स्थित छत्रसाल स्टेडियम में दो गुटों में संघर्ष हुआ था, जिसमें पांच पहलवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उपचार के दौरान उनमें 23 वर्षीय की एक पहलवान की मौत हो गई थी।
पुलिस के अनुसार संघर्ष में सुशील कुमार, अजय, प्रिंस दलाल, सोनू, सागर, अमित और अन्य शामिल हैं। मॉडल टाउन थाने में आईपीसी की धाराओं और सशस्त्र अधिनियम के तहत इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हरियाणा के झज्जर निवासी दलाल को पकड़ भी लिया गया है। लेकिन अन्य वांछित फरार हैं।
सुशील का जहां तक सवाल है तो लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद अब वह देश के बाहर नहीं भाग सकते। वस्तुतः लुकआउट सर्कुलर उसी व्यक्ति को जारी किया जाता है, जो किसी अपराध में जांच एजेंसी की जांच में सहयोग नहीं करता और गुप्त ठिकानों पर छिपने का प्रयास करता है।