लखनऊ, 21 अगस्त। लोकसभा चुनाव में तो अभी समय है लेकिन यूपी में इसके लिए मैदान सजने लगा है। दुदुंभि तो जब बजेगी तब बजेगी लेकिन तैयारियों को लेकर पूरब की सड़कें गलियां बम-बम बोल रही हैं। बतकुच्चनी बैठकों से लेकर अड़ियों-चौपालों तक चर्चाओं में पत्ते भी खोल रही हैं। दल और दिल बदलाव का दौर तेज हो चला है। साइकिल के साथ गलबहियां कर विधानसभा चुनाव में दो हाथ कर चुकी छड़ी अब कमल के साथ खड़ी है।
भाजपा पिछले चुनाव में पांव से खिसक चुकी पूर्वांचल की तीन सीटों पर विजय के लिए एक साल से जोर लगा रही, जतन करती नजर आ रही। अब कांग्रेस ने भी प्रदेश की कमान पूर्वांचल के कद्दावर नेता अजय राय के हाथ देकर रेस में होने का संकेत दे दिया है। घोसी विधानसभा के उपचुनाव को जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) फार्मूला का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है वहीं आइएनडीआइए के लिए भी पूर्वांचल में यह पहली परीक्षा होगी।
इस चुनाव को सपा किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती। उसने यहां दो बार के विधायक रहे सुधाकर सिंह पर दांव लगाया है। सपा छोड़कर भाजपा में घर वापसी करने वाले दारा सिंह चौहान को पार्टी ने टिकट दिया है। 2017 में भाजपा से मधुबन विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले दारा सिंह 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में आ गए थे। उन्होंने मधुबन के बजाय घोसी से चुनाव लड़कर जीता था। सुधाकर सिंह ने वर्ष 1996 में नत्थूपुर से चुनाव जीता था। बाद में नत्थूपुर विधानसभा सीट ही घोसी हो गई। वर्ष 2012 में सुधाकर घोसी से फिर जीते।