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संविधान दिवस कार्यक्रम के बहिष्कार से नाराज लोकसभा अध्यक्ष बोले – यह पीएम या पार्टी नहीं, संसद का था कार्यक्रम

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नई दिल्ली, 26 नवंबर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सहित उन विपक्षी दलों के प्रति नाराजगी व्यक्त की है, जिन्होंने संविधान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा, ‘मैं व्यथित हूं क्योंकि विपक्षी दल आकर मुझसे बात करते तो मैं कुछ समाधान निकलता। यह पीएम या पार्टी का नहीं, संसद का कार्यक्रम था। यह अच्छी परंपरा नहीं है।’

दिलचस्प तो यह है कि अगले ही हफ्ते संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और सरकार के खिलाफ विपक्ष की मोर्चबंदी अभी से शुरू हो गई है। ओम बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि वे लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादित एवं गरिमापूर्ण आचरण करें तथा देश एवं राष्ट्र हित में सामूहिकता के साथ काम करें ताकि आम लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव आ सके।

गौरतलब है कि संविधान दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और अनेक देशों के राजदूत संसद के केंद्रीय कक्ष में मौजूद थे। मंचासीन नेताओं ने समारोह को संबोधित भी किया।

ओम बिरला ने कहा, ‘मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बैठने की भी व्यवस्था की गई थी। मेरी शिकायत ये है कि प्रेस में जाने से पहले मुझसे बात करते तो अच्छा रहता। कांग्रेस जो भी मुद्दा उठाना चाहती है, नियम के तहत उठा सकती है।’

संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त कर रही है सरकार : कांग्रेस

दरअसल, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, डीएमके, अकाली, शिवसेना, एनसीपी, टीएमसी, आरजेडी, आरएसपी, केरल एम. आईयूएमएल और एआईएमआईएम सहित कुछ अन्य पार्टियां इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई। कांग्रेस ने तो राष्ट्रीय राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस भी की, जिसमें विपक्षी दलों द्वारा समारोह के बहिष्कार का कारण भी बताया।

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