श्रीनगर, 13 मई। जम्मू कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट पर अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियों ने सोमवार को मतदान किया। इस मौके पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की। नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और दो पोतों जहीर और जमीर ने यहां बर्न हॉल स्कूल में स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला। जहीर और जमीन ने पहली बार मतदान किया।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ”हमारे साथ पहली बार मतदान करने वाले दो मतदाता भी हैं। यह पहली बार है कि हमारे परिवार की तीन पीढ़ियां एक साथ मतदान कर रही हैं।” वर्ष 1998 के बाद ऐसा पहली बार है कि अब्दुल्ला परिवार का कोई भी सदस्य श्रीनगर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है।
इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस को सिर्फ 2014 आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) श्रीनगर सहित कश्मीर की तीन लोकसभा सीट में से किसी पर भी चुनाव नहीं लड़ रही है। भाजपा को भरोसा है कि घाटी में चुनाव से नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का वर्चस्व खत्म हो जाएगा।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ द्वारा समर्थित नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रभावशाली शिया नेता और पूर्व मंत्री आगा रूहुल्लाह मेहदी को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अपनी युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा को उम्मीदवार बनाया है। श्रीनगर लोकसभा सीट पर यूं तो मेहदी और पारा के बीच सीधी टक्कर की संभावना है फिर भी ‘अपनी पार्टी’ ने मोहम्मद अशरफ मीर और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने अमीर अहमद भट को चुनाव मैदान में उतारा है।
श्रीनगर लोकसभा सीट पर दो महिलाओं सहित 20 अन्य उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त किये जाने के बाद कश्मीर में यह पहला बड़ा चुनाव है। यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता था। उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि निर्वाचन क्षेत्र में मतदान से पहले प्रशासन द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया।
उन्होंने कहा, ”हमने निर्वाचन आयोग को अपने आठ कार्यकर्ताओं के नाम सौंपे हैं ताकि वे यह न कहें कि हम बगैर सबूत बात कर रहे हैं। यह कोई लंबी चौड़ी सूची नहीं बल्कि एक छोटी सी सूची है। हमने उन थानों का विवरण भी दिया है, जहां उन्हें ले जाया गया। हमने किसी विशेष अधिकारी पर आरोप नहीं लगाया बस हमने इतना कहा है कि यह प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।”
अब्दुल्ला ने कहा, ”हमें अन्य मतदान केंद्रों से खबरें मिल रही हैं। हमारे एजेंट इतने डरे हुए हैं कि उनमें से कई कल रात अपने घर तक नहीं गए। उन्हें इस बात का डर है कि उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। उनमें से कुछ अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर सो गए जबकि कुछ को पूरी रात अपनी कार में बितानी पड़ी। क्या यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव है कि वे घर पर भी नहीं जा सकते।”