वाराणसी, 5 जून। 32 वर्ष पहले वाराणसी में हुई अवधेश राय की सनसनीखेज हत्या के मामले में स्थानीय अदालत ने माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा है। मुख्तार पर एक अन्य धारा के तहत 20 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न चुका पाने की स्थिति में मुख्तार को छह महीने और सजा भुगतनी होगी। सजा सुनाए जाने के दौरान मुख्तार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बांदा जेल से जुड़ा था। उसने पहले खुद को बेगुनाह बताया और फिर अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की गुहार लगाई।
मुख्तार की सारी उम्र अब जेल में ही कटनी तय
पूर्वांचल में अपने गैंग के जरिए दशकों तक आतंक मचाने वाले माफिया मुख्तार अंसारी को अपने गुनाहों की अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है। मुख्तार को 50 से ज्यादा मुकदमे होने के बावजूद दशकों तक किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सका था, लेकिन पिछले एक साल के दौरान ही उसे चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। साल 1991 के अवधेश राय हत्याकांड में बाहुबली का ऐसा हिसाब हुआ है कि अब उसकी सारी उम्र जेल में ही कटनी तय हो गई है।
बदमाशों ने अजय के सामने ही बड़े भाई को गोलियों से छलनी कर दिया था
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के मौजूदा प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की 32 वर्ष पहले तीन अगस्त, 1991 को शहर के मध्य स्थित लहुराबीर इलाके में सनसनीखेज हत्या कर दी गई थी। मारुति वैन पर सवार होकर आए बदमाशों ने अवधेश राय पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। अपने सामने भाई को गोलियों से छलनी होता देख अजय राय कुछ समझ पाते, इसके पहले ही बदमाश वहां से भाग निकले। अजय राय ने वैन का पीछा भी किया। वारदात स्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित चेतगंज थाने से कोई बाहर नहीं निकला। अजय राय और आसपास मौजूद लोग खून से लथपथ अवधेश राय को लेकर नजदीकी निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अजय राय ने मुख्तार सहित 5 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी एफआईआर
अजय राय ने इस मामले में मुख्तार के अलावा पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश और अन्य बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मुख्तार के खिलाफ वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट में केस चल रहा था। मामले में दो आरोपितों की मौत हो चुकी है जबकि दो आरोपितों का मामला प्रयागराज जिला न्यायालय में लंबित है।
अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को उसके किए की सजा दिलाने के लिए अजय राय और उनके परिवार को 32 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा। सोमवार को मुख्तार को दोषी ठहराए जाने के बाद अजय राय ने कहा, ‘यह 32 साल की हमारी तपस्या का फल है।’ उन्होंने उन वकीलों और समर्थकों के प्रति आभार जताया जो मुश्किल वक्त में उनके साथ खड़े रहे। अजय राय ने अदालत पर पूरा भरोसा जताया। उन्होंने कहा, ’32 साल से हमारा पूरा परिवार, भइया की बेटी, माता-पिता सभी इस घटना से दुखी रहे। आज बहुत संतोष रहा कि इस मामले में न्याय हुआ है।’
12 गवाहों की गवाही, राय परिवार की मजबूत पैरवी आई काम
अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को सजा के मुकाम तक पहुंचाने में 12 गवाहों की गवाही और अजय राय के परिवार की मजबूत पैरवी बहुत काम आई। इस मामले में मुख्तार अंसारी ओरिजनल फाइल तक गायब करा चुका था, जिसे लेकर उस पर अलग से केस दर्ज किया गया था। अजय राय ने कहा, ‘मुख्तार अंसारी गिरोह ने विभिन्न मामलों में गवाहों को धमकाकर, खरीदकर, फाइलें गायब कराकर और तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर खुद को सजा से बचाने की पूरी तरकीब आजमाई। यह निश्चित ही हम लोगों के 32 साल के संघर्ष और तपोबल का परिणाम है कि मुख्तार को उसके किए की सजा मिल पाई है।’