श्रीनगर, 4 नवंबर। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनाव में भारी मतदान से लोगों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अटूट आस्था झलकती है, लेकिन राज्य का दर्जा वापस पाने की आकांक्षा अब भी प्रबल है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की पहली विधानसभा में अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक के बाद यहां चुनाव हुए और उनके सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद हम यहां एकत्र हुए हैं।’’
सिन्हा ने कहा कि विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अधिक मतदान होना बहुत उत्साहजनक है, जो पारंपरिक रूप से अलगाववादी भावनाओं के कारण (चुनाव में) पूरी तरह से भाग नहीं ले पाते थे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा वापस पाने की आकांक्षा अब भी प्रबल है। उपराज्यपाल ने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा यथाशीघ्र बहाल करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। मेरी सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रयास करेगी और विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाएगी।’’
उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद ने हाल में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है। उनके अनुसार, यह सामूहिक इच्छा को दर्शाता है और इसे हासिल करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को एक टीम के रूप में मिलकर काम करना होगा। सिन्हा ने कहा कि लोगों को सरकार से काफी उम्मीदें हैं और सभी संबंधित पक्षों को लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार को पूरा सहयोग देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के राजनीतिक सशक्तीकरण के वास्ते अपने वादों को पूरा करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी सरकार हर घर को 200 यूनिट बिजली देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तौर-तरीके तय किये जा रहे हैं। हम जलविद्युत संसाधनों का दोहन कर रहे हैं और 2026 तक जम्मू-कश्मीर बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।’’