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सेंट्रल विस्टा को लेकर फैलाया जा रहा झूठ, वैक्सीन के लिए पैसे की कोई कमी : हरदीप पुरी

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नई दिल्ली, 31 मई। केंद्रीय नागरिक उड्डयन, आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि पिछले कई महीनों से सेंट्रल विस्टा के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि कोरोनारोधी वैक्सीन के लिए देश के पास पैसे की कोई कमी नहीं है।

हरदीप पुरी ने सोमवार के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना अगले ढाई-तीन सौ वर्षों के लिए है। वर्तमान संसद भवन सौ वर्ष पुराना हो चुका है। ये सब हेरिटेज बिल्डिंग हैं, इन्हें बिल्कुल डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और संसद भवन ये दो अलग-अलग प्रॉजेक्ट है और इसकी जल्दी इसलिए कर रहे हैं कि भारत की स्वतंत्रता की 75वीं जयंती हम नए संसद भवन में करना चाहते हैं।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत चल रहे निर्माण कार्यों को रोकने के लिए दाखिल की गईं सभी याचिकाओं को मिलाकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुना। कहा जा रहा है कि ये 20 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है, इसे छोड़ कर वैक्सीन देना चाहिए। यह 20 हजार करोड़ का आंकड़ा मनगढ़ंत है और वैक्सीन की उपलब्धता समस्या हो सकती है, लेकिन पैसे की तो कोई समस्या नहीं है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की कुल कीमत लगभग 1,300 करोड़

पुरी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना पर महामारी के बहुत पहले ही फैसला ले लिया गया था। पुराना संसद भवन सेसमिक जोन 2 में आता था जबकि अब ये सेसमिक जोन 4 में आती है। उन्होंने कहा कि 1947 में देश की जनसंख्या 35 करोड़ थी। इस बारे में तय करते समय नए संसद भवन की कीमत 862 करोड़ आंकी गई थी। सेंट्रल विस्टा की लागत 477 करोड़ थी। यानी कुल करीब 1300 करोड़ की बात है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सांसदों की संख्या और भी बढ़ने वाली है, इसलिए भी अधिक सीटों वाले संसद भवन की जरूरत है।

गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट सोमवार को ही सेंट्रल विस्टा में चल रहे निर्माण कार्य रोकने से संबंधित एक याचिका खारिज की और याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाते हुए उसपर एक लाख रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया। पुरी ने कहा, ‘हम सेंट्रल विस्टा और संसद भवन का काम रोक देंगे तो किसका फायदा होगा। श्रमिकों को पैसा भी ठेकेदार नहीं दे पाएगा।’

देश में वैक्सीन की कमी को लेकर पुरी ने कहा कि सरकार मई-जून और जुलाई के लिए दोनों वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को अग्रिम भुगतान कर चुकी है। अगस्त से दिसम्बर तक करोड़ों की संख्या में पर्याप्त से अधिक वैक्सीन मिल जाएगी।

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